-
Advertisement
छात्रवृत्ति घोटाले मामले में सीबीआई को जांच प्रक्रिया में तेजी लाने और आरोप पत्र जल्द दाखिल करने के आदेश
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court ) के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने श्याम लाल द्वारा याचिका पर ये आदेश पारित किए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि शक्ति भूषण, राज्य परियोजना अधिकारी (एसपीएम एनआईयू शिमला)] जिन्हें राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों के लिए केंद्रीय प्रायोजित मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत वित्तीय छात्रवृत्ति के दुरुपयोग के मामले की जांच के लिए नियुक्त किया गया था, ने जांच कर वर्ष 2018 में सचिव (Secretary) (शिक्षा) के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
यह भी पढ़ें:हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश, अडानी समूह को अदा करें जंगी थोपन प्रोजेक्ट की अग्रिम प्रीमियम राशि
याचिकाकर्ता ने आगे आरोप लगाया है कि जांच रिपोर्ट से पता चला है कि छात्रवृत्ति की बड़ी राशि का दुरुपयोग किया गया था। राज्य के शैक्षणिक संस्थानों के अलावा, भारत (India) के अन्य राज्यों में स्थित कई शैक्षणिक संस्थान भी इस घोटाले में शामिल थे। नतीजतन, राज्य द्वारा उचित और गहन जांच के लिए मामला सीबीआई (CBI) को सौंप दिया गया था।
यह भी पढ़ें:हिमाचल: छात्रवृति घोटाले में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, सात लोगों को किया गिरफ्तार
सभी मामलों को सीबीआई को सौंपने की प्रार्थना
याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार को सभी मामलों और दोषी संस्थानों (Institutions) की पूरी जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश देने की प्रार्थना की है। याचिकाकर्ता ने आगे सीबीआई को शक्तिभूषण द्वारा नामित सभी संस्थानों की जांच करने और उसके बाद बिना किसी अपवाद के सूची में नामित सभी गलत संस्थानों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करके इस तरह की जांच को तार्किक निष्कर्ष पर लाने का निर्देश देने की प्रार्थना की है।
यह भी पढ़ें:तीसरी में पढ़ने वाली काशवी आठवीं की करेगी पढ़ाई, हिमाचल हाईकोर्ट ने दिया आदेश
पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता (Advocate) द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि 266 निजी संस्थानों में से 28 कथित छात्रवृत्ति घोटाले (Scholarship Scam) में शामिल थे। उनमें से 11 की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और 17 संस्थानों के खिलाफ जांच अभी भी जारी है। उपरोक्त जानकारी के पश्चात हाईकोर्ट ने खेद जताया था कि छह महीने बीत जाने के बाद भी इस मामले में एक भी आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है।
यह भी पढ़ें:स्कॉलरशिप घोटाला: सीबीआई की धीमी जांच पर हिमाचल हाईकोर्ट नाराज, दिए ये आदेश
अगली सुनवाई 30 मई को
सीबीआई के अधिवक्ता ने कोर्ट में नई स्टेटस रिपोर्ट (New Status Report) दाखिल की, जिसमें कहा गया है कि सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 18-04-2022 को दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं, जिसमें दो शैक्षणिक संस्थान, एपेक्स ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस (Apex Group of Professional Institutions), इंद्री, जिला करनाल, हरियाणा और हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस, कालाअंब, जिला सिरमौर शामिल हैं।
उक्त संस्थाओं के मालिको कर्मचारियों एवं उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला के अधिकारियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता एवं भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अपराध करने के आरोप में कार्रवाई अमल में लाई गई है, जबकि हिमाचल प्रदेश बैंक अधिकारियों (Himachal Pradesh Bank Officials) की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच का दायरा खुला है। मामले पर आगामी सुनवाई 30 मई को होगी।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group…