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सिरमौर हाटी समुदाय मामला: हिमाचल हाईकोर्ट ने केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय से मांगी जानकारी
शिमला। सिरमौर के ट्रांसगिरी क्षेत्र को हाटी समुदाय (Sirmaur Hati community) के नाम पर जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के विरोध में दायर याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय से जानकारी मांगी है। मुख्य न्यायाधीश ए ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए। अनुसूचित जाति संरक्षण समिति जिला सिरमौर ने यह आरोप लगाया है कि उनकी जनसंख्या लगभग 40 फ़ीसदी हैं उन्होंने कभी भी अनुसूचित जनजाति क्षेत्र दर्जा प्राप्त करने बारे कोई भी दावा नहीं किया है। उन्हें सुनवाई का मौका दिए बिना ही ट्रांसगिरी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का सरकार ने किस तरह से निर्णय ले लिया।
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उपरोक्त कानून आने से संबंधित क्षेत्र में बढ़ती हुई अनुसूचित जाति पर हो रहे अत्याचार को बढ़ावा मिलेगा व ग्राम पंचायत से संबंधित निकायों में अनुसूचित जाति आधारित आरक्षण बिल्कुल समाप्त हो जाएगा। आरोप यह भी है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने उस क्षेत्र के संपन्न वर्गों के दबाव में आकर राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया है। इससे छुआछूत जैसी समस्या को दूर करने बाबत भारतीय संविधान में बनाए गए अनुच्छेद 17 का उद्देश्य भी समाप्त हो जाएगा। जो कि अपने आप में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 का सरेआम उल्लंघन है। मामले पर अगली सुनवाई 2 अगस्त के लिए निर्धारित की गई है।
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