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चुनावी गतिविधियों पर संजौली कॉलेज के प्रिंसिपल को हिमाचल हाईकोर्ट ने किया तलब
शिमला। संजौली कॉलेज (Sanjauli College) को चुनाव गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने पर हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने कॉलेज प्रिंसिपल को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के आदेश जारी किए। मामले की पैरवी कर रहे कोर्ट मित्र ने बताया कि कॉलेज प्रिंसिपल को कुछ आपत्तियां है जबकि सरकार की ओर से बताया गया कि पहले 11 कमरों का इस्तेमाल किया जाना था, परंतु अब केवल 7 कमरों का इस्तेमाल ही किया जा रहा है। कोर्ट ने प्रिंसिपल को सोमवार को पेश होने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि कॉलेज में पढ़ रहे लगभग 3100 छात्रों में से 300 छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिख कर तुरन्त ही जरूरी निर्देश दिए जाने की गुहार लगाई है। पत्र को जनहित याचिका ट्रीट करते हुए अदालत ने राज्य चुनाव आयोग और उपायुक्त शिमला को भी प्रतिवादी बनाया है। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले की आगामी सुनवाई 31 अक्तूबर को निर्धारित की है।
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इस मामले में उपायुक्त शिमला ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत (Court) को बताया था कि इस समय संजौली कॉलेज को खाली नहीं किया जा सकता। भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) के आदेशों के तहत इस कॉलेज को वर्ष 2009 से ईवीएम (EVM) रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ईवीएम रखने के लिए कॉलेज में उचित प्रावधान किया गया है। शिमला ग्रामीण में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम रखने के लिए इससे उपयुक्त जगह नहीं है। डीसी शिमला ने इस याचिका को खारिज करने की मांग की है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि करोना काल के बाद दो सितंबर 2022 में छात्र कॉलेज आए हैं। कोविड काल में वैसे ही उनकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है। अब पढ़ाई सुचारू होने लगी तो राज्य में चुनाव के चलते सरकार ने कॉलेज पर चुनावी गतिविधियों के लिए कब्जा कर लिया है। अधिकांश कमरों में चुनाव से संबंधित सामाग्री रखी गई है। छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। अदालत से गुहार लगाई गई है कि चुनावी गतिविधियों के लिए कॉलेज को इस्तेमाल करने से रोका जाए।