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पर्यटन की दृष्टि से हिमाचल भी स्विट्जरलैंड से कम नहीं : जयराम ठाकुर
धर्मशाला। नेशनल कांफ्रेंस आफ स्टेट टूरिज्म मिनिस्टर्स की तीन दिवसीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन कांफ्रेंस में शिरकत करने उपरांत पत्रकारों से सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने कहा कि केंद्र ने एडीबी के तहत 2100 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है, जिसमें से प्रदेश सरकार नई टूरिस्ट डेस्टिनेशन डिवेलप (New tourist destination development) करने जा रही है। इसके लिए 800 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर केंद्र सरकार (Central Government) को भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सबसे बड़ा टास्क यह है कि विभिन्न राज्यों के लोग विदेशी टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर बात करते हैंए अपने राज्य की डेस्टिनेशन पर कोई बात नहीं करना चाहता। अगर बर्फ देखनी हो तो लोग स्विट्जरलैंड का नाम पहले लेते हैं लेकिन उन्हें हिमाचल भी याद रखना चाहिए।
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हिमाचल स्विटजरलैंड से कम नहीं है, यहां प्रकृति भरपूर है और कई टूरिस्ट डेस्टीनेशन हैं, जैसे कि धौलाधार की पहाड़ियां (Dhauladhar Hills) , अटल टनल, खजियार झील सहित अन्य कई जगहें हैं, जहां लोग जाना पसंद करते हैं। प्रदेश में प्रकृति और कानून व्यवस्था अच्छी हैए ऐसे में पर्यटक यहां दिन.रात बेखौफ होकर घूम सकते हैं। हिमाचल की प्रकृति पर्यटकों को आकर्षित करती है। सीएम नेकहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक, धार्मिक, साहसिक गतिविधियां, सप्ताहांत, ग्रामीण (Natural, Religious, Adventure, Weekend, Rural) और जनजातीय पर्यटन सहित छह मुख्य विषयों की पहचान की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और अब सरकार ने अनछुए स्थलों को तलाशने के लिए नई पहल की है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नई मंजिलें, नई राहें योजना राज्य के कई सुंदर एवं अनछुए स्थलों (unexplored destinations) को पर्यटन मानचित्र पर लाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करेगी। जंजैहली में ईको टूरिज्म (Eco Tourism in Janjehli) , चांशल घाटी में स्कीइंग और बीड बिलिंग क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग दुनिया भर के प्रकृति एवं साहसिक खेल प्रेमियों को आकर्षित करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जलविद्युत परियोजनाओं के जलाशयों में जल क्रीड़ा गतिविधियों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जा रहा है। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पीएम नरेंद्र मोदी (Former PM Atal Bihari Vajpayee and PM Narendra Modi) का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से निर्मित अटल टनल रोहतांग जहां सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, वहीं यह टनल हिमाचल आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण साबित हुई है। इस सुरंग ने लाहौल और पांगी (Pangi) घाटियों में पर्यटन की नई संभावनाएं पैदा की हैं।
राज्य सरकार ने मंडी जिले में एक वृहद धार्मिक पर्यटन परियोजना शिव धाम शुरू की है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में पर्यटकों की आमद बहुत अधिक रहती है। प्रदेश सरकार की नई राहें नई मंजिलें और होम स्टे जैसी योजनाओं ने राज्य के अनछुए और अन्य पर्यटक स्थलों को प्रोत्साहन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 3539 होम स्टे पंजीकृत किए गए हैं और होम स्टे संचालकों से बिजली की खपत पर घरेलू शुल्क लिया जा रहा है।
हिमाचल में कनेक्टिविटी का इश्यू रहता हैए यहां एकमात्र सडक़ ही कनेक्टिविटी का साधन है। सड़कें भी टूटती हैं। उनकी रिपेयर करनी पड़ती है। प्रदेश में हालांकि तीन एयरपोर्ट हैं, लेकिन छोटे हैं। बड़े हवाई जहाज ना आ पाने की वजह से हवाई यात्रियों को ज्यादा खर्च वहन करना पड़ता है। ऐसे में प्रदेश में नए और बड़े एयरपोर्ट की जरूरत है, इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाया गया है। सीएम ने कहा कि कांफ्रेंस में जो भी सुझाव आएंगे। हम उनका अध्ययन करेंगे। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (religious leader Dalai Lama) धर्मशाला के मैक्लोडगंज में रहते हैं, जिसके चलते देश-विदेश के पर्यटक व बौद्ध अनुयायी यहां आते हैं। यहां कनेक्टिविटी भी बेहतर है जिसके चलते इस कांफ्रेंस के लिए भी धर्मशाला को चुना गया है।
इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद येस्सो नाइक (Shripad Yesso Naik), भारत पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष संबित पात्रा, पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह, नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉलए महानिदेशक पर्यटन मंत्रालय एवं आईटीडीसी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जी कमला वर्द्धन राव, पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राकेश कुमार वर्मा, राज्य पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार, निदेशक अमित कश्यप, जिला कांगड़ा के उपायुक्त निपुण जिंदल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।