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हिमाचल किसान सभा ने दी जयराम सरकार को दी ये धमकी
Last Updated on September 21, 2021 by Deepak
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पड़ोसी राज्य पंजाब (Punjab) के साथ लगते मैदानी क्षेत्रों में धान, मक्के और गेहूं और गन्ना की बंपर पैदावार होती है। लेकिन इन किसानों को फसल उगाने के साथ-साथ अनाज बेचने में भी परेशानी होती है। इंदौरा के मंड के किसानों ने हिमाचल किसान सभा के बैनर तले सरकार से धान गन्ना, धान व गेहूं खरीद केंद्र खोलने की मांग उठाई है।
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पंजाब में मंडियों में नहीं बेच पा रहे फसल
उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों (Agriculture Law) के कारण पंजाब की मंडियों ने हिमाचल के किसानों को अनाज बेचने के लिए मना कर दिया है। हिमाचल के लैंड रिकॉर्ड की वजह से अन्य स्थान पर नहीं बेच पा रहे है। ऐसे में अब नए कृषि कानून के चलते फसल को हिमाचल में ही बेचना होगा। किसानों ने कहा कि फतेहपुर में एक अनाज मंडी है, जबकि मण्ड में किसान अनाज मंडी का शिलान्यास किया गया, जबकि आगे कोई भी काम शुरू नहीं किया गया है। मण्ड क्षेत्र में डेढ़ लाख क्विंटल धान की पैदावार होती है। ऐसे में वंहा पर 35 किलोमीटर एरिया के किसान कैसे अपनी फसल बेच पाएंगे।
कांगड़ा डीसी के माध्यम से सीएम को सौंपा ज्ञापन
हिमाचल किसान सभा के बैनर तले आज यानी मंगलवार को मण्ड और आसपास किसान जिला मुख्यालय धर्मशाला स्थित डीसी दफ्तर पहुंचे। उन्होंने जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल के माध्यम से जयराम सरकार को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि अगले पांच से छह दिन में धान पकक्कर तैयार हो जाएंगे। ऐसे में सरकार जल्द से जल्द पांच खरीद केंद्र खोले। किसान सभा के सचिव ने कहा कि सरकार जल्द ही उनकी मांग पर विचार नहीं करती है, तो उन्हें भी पंजाब के किसानों की तर्ज पर सड़क पर उतरना पड़ेगा।
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