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गोवा नेशनल गेम्स में पहली बार हिमाचली ठोडा खेल की मिलेगी झलक
शिमला। गोवा में खेले जा रहे नेशनल गेम्स (National Games In Goa) में पहली बार हिमाचल के ठोडा खेल (Thoda Game) की झलक दिखेगी। हिमाचल ओलिंपिक एसोसिएशन और संस्कृति महासंघ दोनों ही इस पारंपरिक खेल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिश में जुटे हैं। अब महाभारत काल (Mahabharat Era) के इस हिमाचली खेल के बारे में लोग जानना चाहेंगे।
राष्ट्रीय खेलों में हिमाचल का 30 सदस्यीय ठोडा दल भाग लेगा। इस दल में 20 खिलाड़ी व 10 बजंतरी शामिल होंगे। आपको बता दें कि ठोडा हिमाचल का एक पारंपरिक मार्शल आर्ट सह नृत्य (Traditional Martial Art Cum Dance) है। यह तीरंदाजी के खेल के समान है, जिसमें लक्ष्य नृत्य करता हुआ मानव होता है। पाशा और साथा नामक दो टीमों के बीच यह खेला जाता है, जो खुद को पांडवों और कौरवों के वंशज के रूप में प्रस्तुत करते हैं। प्रदेश में ठोडा खेल की यह सैकड़ों साल पुरानी परंपरा शिमला, सोलन तथा सिरमौर (Sirmour) जिलों के कई भागों में जीवित है। आज भी बाकायदा इसकी प्रतियोगिताएं प्रदेश में होती हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में हुआ शामिल
हिमाचल ओलिंपिक ऐसोसिएशन के महासचिव राजेश भंडारी ने बताया कि एसोसिएशन ने ठोडा को राष्ट्रीय खेलों में शामिल करने की स्वीकृति दे दी है। ठोडा संस्कृति पहली मर्तबा राष्ट्रीय खेलों में दिखाई देगी। इससे प्रदेश की प्राचीन संस्कृति को राष्ट्रीय मंच पर पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि ठोडा कंपीटीटिव खेल के तौर पर राष्ट्रीय खेलों में शामिल नहीं होगा, बल्कि इसे सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Event) के रूप में शामिल किया गया है।
गुरुवार तक मांगी टीमों की मंजूरी
उधर हिमाचल ठोडा खेल व संस्कृति महासंघ के प्रेस सचिव सनाईक एमआर वर्मा ने बताया कि 6 और 7 नवंबर को ठोडा पहली मर्तबा राष्ट्रीय खेलों की सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाले हिमाचल के ठोडा सांस्कृतिक दल को मुफ्त भोजन और आवास प्रदान किया जाएगा। टीम दोनों तरफ का यात्रा खर्च वहन करेगी। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने की इच्छुक ठोडा टीमों से महासंघ को गुरुवार तक अपनी स्वीकृति भेजने का आग्रह किया है।