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पटवारी-कानूनगो महासंघ ने निशानदेही का टारगेट किया विरोध; कहा- पहले खाली पद भरें
हमीरपुर। संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ हमीरपुर ने हिमाचल सरकार के राजस्व अधिनियम में संशोधन (Amendment of Revenue Law in Himachal ) और समय सीमा में निशानदेही का टारगेट पूरा करने के फरमान का विरोध किया है। संघ का कहना है कि पहले सरकार पटवारी, कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार स्तर तक के खाली पदों (Fill The Vacancy First) को भरे। फिर समयसीमा की बात करे। संघ के मुताबिक फिलहाल इनमें 25 से 70 प्रतिशत तक पद खाली पड़े (Post Vacant) हैं, जिन्हें कानून बनाने से पहले भरा जाना चाहिए था। संघ ने अपनी मांगों का ज्ञापन एसडीएम के माध्यम से सरकार को भेजा है। अध्यक्ष मीना शर्मा ने कहा कि समय पर सुविधा मिले, इसका महासंघ स्वागत करता है, लेकिन यह कानून बनाने से नहीं होगा, बल्कि धरातल पर आवश्यक सुधार करना होगा।.
काम का है भारी बोझ
पटवारी, कानूनगो को अपने राजस्व कार्य करने का तो समय ही नहीं मिल पाता। हर रोज विभिन्न प्रमाण- पत्रों की रिपोर्ट, फ़ोन द्वारा भिन्न सूचनाओं को तैयार करके भेजना, निर्वाचन कार्य, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, खनन विभाग, उद्योग भाग आदि अनेकों परियोजनाओं के मौका कार्य और संयुक्त निरीक्षण के अलावा नकल दर्ज करना, उच्च अधिकारियों तथा माननीयों के भ्रमण में हाजिर होना, भिन्न न्यायालयों में पेशियों व रिकॉर्ड पेश करने बारे हाजिर होना, राजस्व अभिलेख अपडेट करना, कार्य कृषि गणना, लघु सिंचाई गणना, धारा 163 के तहत मिसल का नजायज तैयार करना, जमाबंदी की नकलें सत्यापित करना सहित (Work Load) बहुत से कार्य हैं। ऐसे में एक महीने में 45 निशानदेही (Marking) करने का जो आदेश जारी हुआ है, वह कभी पूरा नहीं हो सकता। इन कार्यों के बाद अधिकारी एक महीने में 10 या 15 निशान दे ही कर सकते हैं। उन्होंने सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है
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