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हिमाचल: तीसरी, चौथी में बढ़ाएंगे ज्ञान, पांचवी में होगी परीक्षा, जाने शिक्षा बोर्ड का प्लान
धर्मशाला। हिमाचल में संस्कृत के प्रचार और प्रसार के लिए शिक्षा बोर्ड ने कसरत शुरू कर दी है। शिक्षा बोर्ड ने संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए तीसरी से 5वीं तक संस्कृत (Sanskrit) शुरू करने का निर्णय लिया हैए जिसके तहत तीसरी व चौथी कक्षा में मात्र ज्ञान बढ़ाने के प्रयास होंगेए जबकि पांचवीं कक्षा में आने पर ही परीक्षा का आयोजन होगा। यह जानकारी आज शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सुरेश कुमार सोनी (Dr. Suresh Kumar Soni) ने दी। उन्होंने बताया कि शिक्षा बोर्ड ने वैदिक गणित विषय भी शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए भी बोर्ड तैयारी कर रहा है और इसमें 16 अध्याय जोड़े जाएंगे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh Board of School Education) विद्यार्थियों को डिजिटल लॉकर की सुविधा (Digital Locker) देगा। डिजिलॉकर सुविधा शुरू होने से स्टूडेंटस अपने सर्टिफिकेट खुद भी डाउनलोड कर सकेंगे। वहीं बोर्ड द्वारा जिस तरह अभी सर्टिफिकेट भेजे जाते हैंए उसी तरह भी भेजे जाएंगे। हालांकि यह प्रोजेक्ट 3 से 4 चाल पुराना हैए इसके लिए नई कंपनी को अधिकृत किया गया है और शर्त रखी गई है कि कंपनी इस सुविधा को चालू वित्त वर्ष में शुरू करेगी। यूनिक आईडी डालकर स्टूडेंटस डिजिलॉकर से अपने सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं।
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इसके अतिरिक्त छोटी कक्षाओं में योग व स्पोर्टस को अनिवार्य किया गया है तथा योग व स्पोर्टस गतिविधियों (Sports Activities) में भाग लेने वाले स्टूडेंटस को अंक दिए जाएंगे। बच्चों के स्किल डिवेलप करने के लिए बोर्ड प्रशासन स्किल डिवेलपमेंट क्षेत्र में काम करने वाली यूनिवर्सिटीस से भी एमओयू हस्ताक्षरित करने पर विचार कर रहा है। वहीं, सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण व स्टूडेंटस को पौधारोपण हेतू प्रेरित करने के लिए मेरा विद्यालय मेरी वाटिका योजना शुरू की जा रही है। जिसके तहत स्कूल चिन्हित किए जाएंगे तथा स्कूल परिसर में नवग्रह के पौधे रोपित किए जाएंगे। इस मामले को बोर्ड ने वन मंत्री के समक्ष उठाया थाए जिस पर वन मंत्री ने माली सहित पौधे उपलब्ध करवाने की बात कही है। बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि हर स्टूडेंट को उसके जन्मदिन पर पौधा देकर उसका रोपण करने के लिए कहा जाएगा। साथ ही स्कूलों में ही पौधों की नर्सरी भी तैयार की जाएगीए इस पर बोर्ड की ओर से व्यापक तौर पर काम किया जा रहा है।
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