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हिमाचल की इस Teacher ने लॉकडाउन के बीच घर पर ही खोल लिया School-बना दिया Boarding
मनाली। कोविड-19 (Covid-19) के दौरान परिस्थितियों से लड़ना कोई इस टीचर से सीखे, नेटवर्क की प्रॉब्लम आई तो उन्होंने अपने घर को ही स्कूल कम बोर्डिंग (Boarding) बना डाला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की इस जेबीटी टीचर (JBT Teacher) ने इन बच्चों को अपने परिवार का सदस्य बना लिया है। मकसद यही है कि बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो। जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति (Tribal District Lahul-Spiti) की ये जेबीटी टीचर प्रदेश के दूसरे टीचरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं। छेरिंग डोलमा नाम की इस टीचर के काम की वाहवाही लाहुल-स्पीति से बाहर भी होने लगी है।
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लॉकडाउन (Lockdown) के बीच जिस वक्त ऑनलाइन पढ़ाई (0nline Study) की बात कही जाने लगी तो राजकीय प्राथमिक पाठशाला मेह (Government Primary School Meh) में तैनात जेबीटी टीचर छेरिंग डोलमा (Tshering Dolma) के सामने नेटवर्क प्रॉब्लम बाधा बनकर खड़ी होने लगी। छेरिंग ने इसके बाद तीन गांव से ताल्लुक रखने वाले पांच बच्चों को अपने घर पर ही रखने का निर्णय लिया। और यही करके दिखाया भी, वह ना केवल उन्हें अपने घर पर रखे हुए हैं बल्कि उनके खाने-पीने की भी व्यवस्था कर रही हैं। छेरिंग ने ही इन बच्चों का पहली से पांचवीं तक स्कूल में दाखिला करवाया हुआ है।
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जनजातीय क्षेत्रों में स्कूलों में बच्चों की संख्या कम ही रहती है। इसलिए छेरिंग ने अपने घर को एक तरह से स्कूल कम बोर्डिंग में बदल डाला है, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो। बच्चों की संख्या ना के बराबर होने से घाटी के रारिक, छिक्का और लिम्क्युम गांवों में पिछले कई वर्षों से स्कूल बंद हैं। छेरिंग नहीं चाहती कि यहां भी सरकार ऐसा कदम उठाए। इसलिए वह बच्चों के साथ पारिवारिक रिश्ता भी कायम किए हुए है। खैर, संकट की इस घड़ी में दूर-दराज इलाके में कोरोना काल में कैसे जीना है, कोई इस टीचर (Teacher) से सीख सकता है।