-
Advertisement
बीजेपी ने पांच बार तो कांग्रेस ने तीन बार जीती है ये सीट
हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है। यहां मंडी और कांगड़ा दो ऐसे बड़े जिले हैं, जहां पर कुल मिलाकर 25 विधानसभा सीटें हैं। इन दो जिलों में जिस भी पार्टी ने सबसे अधिक सीट जीत लिए सत्ता की चाबी उसके हाथ में होती है। ऐसे में तमाम पार्टियां इन दोनों ही जिलों में अपना पूरा फोकस कर रही हैं। हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Elections 2022) की कड़ी में आज हम बात करेंगे ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र की। ज्वालामुखी (Jwalamukhi) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीट नंबर 12 है। इस विधानसभा सीट पर वर्ष 2017 में बीजेपी (BJP) के रमेश चंद धवाला (Ramesh Chand Dhawala) ने जीत दर्ज करवाई थी। वर्ष 2017 के चुनाव में इस सीट पर कुल 51.98 प्रतिशत वोट पड़े थे। धवाला ने कांग्रेस (Congress) के संजय रत्न (Sanjay Ratna) को 6,464 वोटों के अंतर से हराया था।
यह भी पढ़ेंः हिमाचल चुनावः कांग्रेस आज जारी करेगी अपने 57 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी
ज्वालामुखी सीट पर कुल 11 बार चुनाव हो चुके हैं। जिसमें अभी तक बीजेपी को 5 बार और कांग्रेस को 3 बार जीत मिली है, जबकि 3 ही बार निर्दलीयों को जीत मिली है। जातिगत समीकरण की बात करें तो इस सीट पर सबसे ज्यादा राजपूत मतदाता (Rajput Voters) हैं। वहीं, ज्वालामुखी विधानसभा सीट पर ब्राह्मण वोटर्स भी काफी संख्या में हैं तो ओबीसी (OBC) भी यहां के वोटर हैं। ज्वालामुखी मंदिर के चलते इस विधानसभा सीट का नाम ज्वालामुखी रखा गया।
इस बार इस सीट पर मुकाबला रोचक होने जा रहा है। कारण ये है कि बीजेपी यहां से इस बार चेहरा बदल सकती है। यानी रमेश धवाला की जगह रविंद्र रवि (Ravindra Ravi) को यहां से चुनाव लड़ाया जा सकता है। रमेश धवाला को बीजेपी यहां से देहरा भेज रही है,ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस का लगभग तय है कि संजय रत्न ही चुनाव लडेंगे। हालांकि अभी तक कांग्रेस व बीजेपी किसी ने भी अपने प्रत्याशी की सूची जारी नहीं की है। ये अलग बात है कि दोनों ही दलों ने अपना-अपना होमवर्क पूरा कर लिया है। ऐसे में अगर बीजेपी रमेश धवाला को ज्वालामुखी से ना लड़वाकर देहरा (Dehra) भेज देती है तो ज्वालामुखी में मुकाबला बेहद रोचक हो जाएगा।