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विधायकों ने करुणामूलक नौकरी का सवाल उठाया, सरकार ने जवाब दिया सूचना जुटा रहे हैं
शिमला। हिमाचल विधानसभा (Himachal Vidhansabha) में विधायकों द्वारा करुणामूलक नौकरियों को लेकर सवाल किया गया। सरकार से सवाल पूछा गया था कि सरकार करुणामूलक (Compassionate Job) आश्रितों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई नीति (Compassionate Job Policy) बनाने का विचार रख रही है तो कब यह नीति बनेगी। इसके अलावा दूसरा सवाल पूछा गया कि प्रदेश में करुणामूलक आधार पर नियुक्तियों के लिए कितने आवेदन (Application) आए लंबित हैं। तीसरे सवाल में पूछा गया कि सरकार द्वारा करुणामूलक आधार पर नौकरी मांगने वाले आवेदनों के निपटारे के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। चौथा सवाल पूछा गया कि जनवरी 2018 से 31 जनवरी, 2021 तक कितने लोगों को करुणामूलक आधार पर नियुक्तियां दी गईं। इसका जिलावार ब्यौरा मांगा गया था, लेकिन सरकार की ओर से जवाब दिया गया अभी इन सभी प्रश्नों से संबंधित जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
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करुणामूलक नौकरियों से संबंधित सवाल नेता प्रतिपक्ष और हरोली से कांग्रेस विधायक मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri), जोगिंद्रनगर से विधायक प्रकाश राणा, बड़सर से विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, कांगड़ा से विधायक पवन काजल (Pawan Kajal), नैना देवी से विधायक राम लाल ठाकुर ने उठाया था, , लेकिन सवाल पर सरकार की तरफ से जवाब आया कि अभी सूचना एकत्रित की जा रही है। आपको बता दें कि यह जानकारी सीएम जयराम ठाकुर से मांगी गई थी।
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हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन साल के दौरान SC/ST (Prevention Atrocities) एक्ट के तहत 629 मामले दर्ज़ हुए, जिसका कन्विक्शन रेट 9 फीसदी है। कन्विक्शन रेट मतलब नौ फीसदी मामलों में ही अभी तक फैसला आया है। विधानसभा प्रश्नकाल में यह सवाल ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने सीएम से पूछा था। इसके लिखित जबाब में यह आंकड़ा सामने आया है। यह भी पूछा गया था कि क्या रोहड़ू के एक मामले में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज़ करने से मना किया था। इसके लिखित जबाब में आया कि ऐसा नहीं हुआ।