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अनुराग के गृह जिला में हॉकी खिलाड़ी की दुर्दशा देखिए
Last Updated on December 11, 2021 by Vishal Rana
हमीरपुर। एक जमाने में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय हॉकी टीम का कैप्टन रहा सुनील पारिवारिक मजबूरी के कारण अब हरा धनिया, आलू, प्याज और फल बेच कर परिवार को पाल रहा है। पिता वेद प्रकाश हाई शुगर के मरीज है और मां पुष्पा लिवर के रोग से ग्रसित हैं। 2 साल पहले ही सुनील का एक बाइक एक्सीडेंट हुआ जिसके बाद अब हॉकी की स्टिक भी हाथ से छूट गयी है और खेल से नाता भी। पिता वेद प्रकाश की उम्र 63 साल हो गई है। बीमारी की वजह से अब वह रेहड़ी नहीं चला पा रहे हैं तो बेटे सुनील कुमार को अब माता और पिता के इलाज के लिए रेहड़ी पर फल और सब्जियां बेचनी पड़ रही हैं।
शाट्स
बिलासपुर स्थित प्रदेश सरकार के स्टेट हॉस्टल में रहते हुए सुनील ने स्नातक की पढ़ाई राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर से पूरी की और इस दौरान कई दफा उन्होंने प्रदेश का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय स्तर पर किया। वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की हॉकी टीम के कैप्टन भी रहे। सुनील ने हॉकी में 8 नेशनल खेले हैं। स्कूल स्तर से लेकर कॉलेज तक 2017 तक उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में नेशनल लेवल के टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है। जूनियर वर्ग में एक दो नहीं बल्कि 8 नेशनल खेल चुके खिलाड़ी सुनील कुमार को सरकारी नौकरी में भी इसका कोई लाभ नहीं मिला है।