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4 माह 12 दिन बाद शुरू हुई पावन चूड़धार यात्रा, वीकेंड पर भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
Churdhar Yatra: हरिपुरधार। ठीक 4 महीने 12 दिन बाद शनिवार को चूड़धार यात्रा (Churdhar Yatra) शुरू हो गई है। चैत्र सक्रांति और बैशाखी के पावन पर्व पर चूड़धार स्थित भगवान शिरगुल के दर्शनों के लिए पहले ही दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु चोटी पर पहुंचे। जहां श्रद्धालु चोटी पर बनी भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा के आगे नतमस्तक हुए तो शिरगुल महाराज (Shirgul Maharaj) के मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। यात्रा शुरू होते ही विभिन्न रास्तों से श्रद्धालु चोटी पर पहुंचे। अभी चूड़धार के रास्तों पर दो से तीन फीट बर्फ जमी है, लेकिन आस्था के आगे बर्फीले रास्ते भी श्रद्धालुओं के कदम नहीं रोक पाए। वीकेंड होने के कारण भी श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई। अधिकतर श्रद्धालु नौहराधार के रास्ते से चोटी पर पहुंचे. ये रास्ता एकतरफा 15 किलोमीटर है. जहां से चोटी पर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 6-7 घंटे का वक्त लग जाता है।
30 नवंबर 2023 को लगा दी थी यात्रा पर रोक
बता दें कि प्रशासन ने 30 नवंबर 2023 को यात्रा पर रोक लगा दी थी। हालांकि, इसके बाद भी कई श्रद्धालुओं का जाना लगा रहा। अब प्रशासन ने यात्रा को हरी झंडी दे दी है। इस वर्ष हालांकि चूड़धार में काफी कम बर्फबारी हुई है, मगर नौहराधार से चूड़धार जाने वाले रास्ते में तीसरी नामक स्थान से लेकर चूड़धार तक कई स्थानों पर अभी भी दो से तीन फीट बर्फ जमी हुई है।
चार माह से बंद दुकानें व ढाबे भी खुले
यात्रा शुरू होते ही शनिवार को चूड़धार में चार माह से बंद दुकानें व ढाबे भी खुल गए हैं। चूड़ेश्वर सेवा समिति की सराय करीब एक महीने बाद खुलेगी। इसलिए यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था मंदिर प्रशासन की ओर से मंदिर की सराय में की गई है। चूड़ेश्वर सेवा समिति की लंगर सेवा अगले महीने की 14 तारीख से शुरू हो सकती है। तब तक यात्रियों को खाने-पीने की व्यवस्था फिलहाल ढाबों में ही करनी होगी। उधर, एसडीएम चौपाल हेमचंद वर्मा ने बताया कि चूड़धार के सभी रास्तों में अभी भारी बर्फ जमी है। इसलिए यात्रा जोखिमपूर्ण है. यात्री संभलकर यात्रा करें।
एचके पंडित