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नई शिक्षा नीतिः HPBose लेगा तीसरी, पांचवीं तथा आठवीं कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं
Last Updated on September 1, 2021 by Deepak
धर्मशाला। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर( Education Minister Govind Singh Thakur) ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( National Education Policy)को प्रदेश सरकार ने सैद्धातिंक मंजूरी दे दी है और इस पर काम भी चल रहा है। नई शिक्षा नीति के तहत सरकार ने यह तय किया है कि अब तीसरी, पांचवीं तथा आठवीं कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं शिक्षा बोर्ड ( HPBose) लेगा। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा के ढ़ाचागत विकास के लिए सरकार ने स्ट्रेंथनिंग टीचर लर्निंग एंड रिजल्ट फॉर स्टूडेंट एण्ड रिजल्ट फॉर स्टेट प्रोजेक्ट की शुरूआत धर्मशाला से की है। स्टार प्रोजेक्ट ( Star Project) के अन्तर्गत नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों में हितधारकों के साथ बैठकर छोटी-छोटी बैठकें करके उन पर विचार मंथन किया जाएगा और उसके आधार पर एक्शन प्लान बनेगा और उस पर भारत सरकार से और विश्व बैंक से भी चर्चा होगी।
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गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि आने वाल समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अक्षरशः लागू करना सरकार का उद्देश्य है। शिक्षा द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर जहां-जहां तक जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे वहां पर स्कूल शिक्षा बोर्ड की भी सहभागिता रहेगी और शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष भी उसमें एक सेशन लेने के लिए हर जगह जाएंगे। इससे विद्यालयों, अध्यापकों तथा विद्यार्थियों को स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा क्या गतिविधियों की जा रही हैं के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में स्कूलों के साथ समुदाय, ग्राम पंचायतों, महिला मंडलों तथा युवक मंडलों को कैसे जोड़ा जाए इस बारे में भी विस्तृत चर्चा की गई। राज्य परियोजना निदेशक डॉ.वीरेन्द्र शर्मा ने प्रदेश में किये जा रहे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रयासों पर प्रस्तुति दी तथा जिला परियोजना अधिकारी विनोद चौधरी ने जिला में किए गये प्रयासों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र महामंत्री तथा राज्य टास्क फोर्स सदस्य देसराज शर्मा ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों पर अपनी प्रस्तुति दी। इसके उपरांत सभी हितधारकों के दस समूहों में स्कूली शिक्षा के दस विषयों पर चर्चा परिचर्चा करके सुझाव प्रस्तुत किये। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने हितकारकों द्वारा दिये गये सुझावों पर क्रियान्वयन करने की प्रतिबद्धता दिखाई।
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