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‘साहब’ के कहने पर पौंग लेक के किनारे हो रही है खेती, वन विभाग पस्त
जवाली (रवींद्र चौधरी)। पौंग लेक (Pong Lake) के किनारे वन्य प्राणी विभाग की जमीन (Forest Land) पर खेती कर रहे रसूखदारों के हौसले के आगे सरकारी महकमा भी पस्त है। इन रसूखदारों को राजनीतिक संरक्षण हासिल होने से वन विभाग भी एक्शन लेने से कतरा रहा है। रसूखदारों का कहना है कि साहब के कहने पर वे खेती (Farming) कर रहे हैं। हालांकि, साहब का नाम कोई नहीं बताता है। रसूखदार दबंगई से अधिकारियों, कर्मचारियों को डराते-धमकाते हैं कि वन विभाग कुछ भी सख्ती कर ले, लेकिन हम बिजाई हर सूरत में करेंगे, भले ही विभाग केस कर दे। फसल की आड़ में प्रवासी पक्षियों (Hunting Migrant Birds) का शिकार किया जाता है तथा फसल में डाले जाने वाले कीटनाशक (Insecticide) झील के पानी को जहरीला करते हैं जिससे मछलियां मर जाती हैं।
पर्यावरण प्रेमियों ने किया विरोध
पर्यावरण प्रेमी मिलखी राम शर्मा ने कहा कि वन्य प्राणी विभाग की मिलीभगत से झील किनारे खेती हो रही है। विभाग को अपनी हदबन्दी तक तारबंदी करनी चाहिए, ताकि कोई भी ट्रैक्टर (Tractor) अंदर न जा सके तथा हल चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। वन विभाग हमीरपुर के डीएफओ (DFO) रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि झील किनारे किसी को भी खेती नहीं करने दी जाएगी। अगर कोई ट्रैक्टर से खेती करता पाया गया तो ट्रैक्टर को जब्त करने के अलावा चालक और मालिक के खिलाफ़ केस दर्ज किया जाएगा।