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नड्डा की Home State में पार्टी गुटबाजी से लगी जलने, सीधे-सीधे नेता लगे मैदान में उतरने
धर्मशाला। सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भगवां पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) की अपनी होम स्टेट ही गुटबाजी में जलने लगी है। पार्टी नेता बिना किसी डर के एक-दूसरे पर सीधे-सीधे दो-दो हाथ करने के लिए मैदान में उतरने लगे हैं। शनिवार को कांगड़ा स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस (PWD Rest House, Kangra) में असंतुष्ट बीजेपी नेताओं (Dissident BJP leaders) की बैठक के बाद से दोनों तरफ से शब्दों के तीर छोड़े जाने लगे हैं। पार्टी के हालात एक बार फिर से वर्ष 1997 जैसे दिखने लगे हैं। इस वक्त भी हालात ये हैं कि बिखराव की तरफ बढ़ रही पार्टी में पैचअप के लिए कोई सामने आता नहीं दिख रहा है। हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि ये नड्डा की अपनी होम स्टेट (Home State) है। वर्ष 1997 में कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी में बीजेपी में जो कुछ हुआ था, उसे अभी तक पार्टी नेता भुला नहीं पाए हैं। उस वक्त शांता बनाम धूमल की जंग में पार्टी प्लेटफार्म को सरेआम बेइज्जत कर दिया गया था। इस कोविड-19 के प्रकोप के बीच हालात अब भी पार्टी में अच्छे नहीं दिख रहे।
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विधायक-जिला अध्यक्ष निशाने पर
कांगड़ा स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई असंतुष्ट बीजेपी नेताओं की बैठक के बाद भगवां पार्टी में विवाद बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ बीजेपी के कांगड़ा-चंबा से ताल्लुक रखने वाले विधायकों ने अपनी ही पार्टी के सांसद किशन कपूर (Kishan Kapoor) सहित बैठक में मौजूद अन्य नेताओं को बागी करार देते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है वहीं अब बैठक में शामिल नगरोटा बगवां बीजेपी मंडल के पूर्व अध्यक्ष डॉ नरेश बरमानी ने बागी कहे जाने पर बीजेपी संगठनात्मक जिला कांगड़ा के अध्यक्ष चंद्रभूषण नाग व नगरोटा बगवां के विधायक अरुण मेहरा कूका (Arun mehra kuka) को निशाने पर ले लिया है। उन्होंने तो पार्टी नेतृत्व से जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण नाग को पद से हटाने की मांग करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो वह पार्टी को अलविदा कह जाएंगे। वहीं, उन्होंने नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र में विधायक अरूण मेहरा से विधायक निधि से खर्चे पैसे को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग उठाई है। डॉ नरेश बरमानी ने कहा कि वह पिछले 35 वर्ष से पार्टी से जुड़े हैं। पार्टी ने जो दायित्व उन्हें सौंपा है उसे निभाया है। उन्होंने कहा कि दूरदराज के बीजेपी कार्यकर्ता जिन्होंने नगरोटा बगवां में पार्टी को मजबूत करने में दिनरात एक कर दिया वह आज निराशा में है। उनका कहना है कि 25 साल बनवास काटा अब भी वहीं है।
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असंतोष के बीच कैबिनेट विस्तार
अब इसके बाद बीजेपी मंडल नगरोटा बगवां (BJP Mandal Nagrota Bagwan) की बारी है। ऐसा माना जा रहा है कि अगला तीर वहीं से छोड़ा जाएगा। इतना तय है कि पार्टी के भीतर जो चिंगारी कांगड़ा से उठी है, वह शिमला के रास्ते से होते हुए दिल्ली तक जा रही है। बीजेपी में ही बढ़ते असंतोष के बीच जयराम कैबिनेट के विस्तार (Cabinet expansion) की अटकले तेज हो गई हैं। जयराम कैबिनेट में इस वक्त तीन पद खाली चल रहे हैं। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने सोमवार को राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की है। आधिकारिक तौर पर तो यह मुलाकात कोविड-19 के चलते प्रदेश के हालात और अनलॉक वन की जानकारी देने के लिए हुई थी लेकिन जानकारी के अनुसार इस दौरान कैबिनेट विस्तार पर भी चर्चा हुई है। कैबिनेट के पदों को भरने के साथ मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव की संभावना है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद किशन कपूर के सांसद बनने और अनिल शर्मा की बगावत के बाद कैबिनेट के दो पद खाली हो गए थे। वहीं, उसके बाद विपिन परमार के विधानसभा अध्यक्ष बनने से तीसरा पद भी खाली हो गया और स्वास्थ्य जैसा विभाग भी सीएम को ही संभालना पड़ा। कैबिनेट के तीन पद खाली होने की वजह से अब खुद सीएम पर काम का दबाव बढ़ गया है। ऐसे में अब सीएम कैबिनेट विस्तार की कवायद में जुट गए हैं।
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