-
Advertisement
#jairam के गृह जिला में नप और नगर पंचायतों में किसका कब्जा, क्यों रोचक रहा नेरचौक का चुनाव-जाने
मंडी। जिला में 10 जनवरी को नगर निकायों के चुनाव संपन्न होने के साथ ही परिणाम भी घोषित हो चुके थे, जिसके बाद अब अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को लेकर बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) में काफी माथापच्ची चल रही थी। सीएम के गृह जिला मंडी की बात करें तो यहां 3 नगर निकायों पर बीजेपी ने अपना झंडा गाड़ा है, जबकि दो पर कांग्रेस ने और एक नगर निकाय निर्दलीयों के हवाले हो गया है। विस्तार से जानिए किस नगर निकाय में किस दल ने किस तरह से जमाया कब्जा।
सुंदरनगर में बीजेपी का पूर्ण बहुमत से कब्जा
मौजूदा समय में मंडी (Mandi) जिला की सबसे बड़ी नगर परिषद के रूप में उभर कर सामने आए सुंदरनगर (Sundernagar) शहर पर बीजेपी का पूर्ण बहुमत के साथ कब्जा है। यहां के 13 में से 10 वार्डों पर बीजेपी समर्थित पार्षदों की जीत हुई है, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 3 सीटें मिली हैं। बीजेपी के जितेंद्र शर्मा को अध्यक्ष और रक्षा धीमान को उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है।
नेरचौक में किस्मत जीता गई बीजेपी को
आपने सुना होगा कि ’’भाई किस्मत हो तो ऐसी’’। यह कहावत नगर परिषद नेरचौक (Ner Chowk) में पूरी तरह से चरितार्थ हुई। नगर परिषद नेरचौक में 9 वार्ड हैं जिसमें से 8 वार्डों से प्रत्याशी चुनकर आए हैं, जबकि एक वार्ड के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था। यहां 4 प्रत्याशी बीजेपी समर्थित तो 4 ही कांग्रेस समर्थित थे। जब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की बारी आई तो दोनों दलों के प्रत्याशियों को बराबर वोट पड़े। इसके बाद पर्ची डालकर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया गया। कांग्रेस के एक पार्षद ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की पर्चियां उठाई और किस्मत से दोनों पर्चियां बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों की ही निकलीं। बीजेपी की शालिनी राणा को अध्यक्ष और परमदेव उर्फ बंटी को उपाध्यक्ष का पद किस्मत से मिल गया। जबकि कांग्रेस की नर्वदा अभिलाषी और अभिषेक का किस्मत ने साथ नहीं दिया।
सरकाघाट में कांग्रेसी को बीजेपी ने अपना बनाकर बना दिया अध्यक्ष
7 सदस्यों वाली नगर परिषद सरकाघाट (Sarkaghat) में भी बीजेपी ने जोड़ तोड़ करके अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना दिया। कांग्रेस की अनुप कुमारी को बीजेपी ने ना सिर्फ अपने खेमे में जोड़ा बल्कि उन्हें नगर परिषद का अध्यक्ष बना डाला। वहीं, बीजेपी के ध्यान सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया। पहले यहां चार पार्षद कांग्रेस के थे और तीन बीजेपी के, लेकिन विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने ऐन मौके पर कांग्रेस की अनुप कुमारी को अपने खेमे में शामिल करके बाजी पलट दी।
नगर परिषद जोगिंद्रनगर में कांग्रेस का कब्जा
नगर परिषद जोगिंद्रनगर (Jogindernagar) के 7 वार्डों में से चार पर कांग्रेस प्रत्याशी जीतकर आए थे और इसी आधार पर यहां कांग्रेस को पूर्ण बहुमत प्राप्त था। यहां कांग्रेस ने ममता कुमारी को अध्यक्ष और अजय धरवाल को उपाध्यक्ष चुन लिया है।
नगर पंचायत रिवालसर में अध्यक्ष कांग्रेस का और उपाध्यक्ष निर्दलीय
7 वार्डों वाली नगर पंचायत रिवालसर में कांग्रेस के 5 पार्षद चुनकर आए थे, लेकिन बावजूद इसके निर्दलीय को उपाध्यक्ष का पद मिल गया। चुनकर आए 5 पार्षदों में से एक ने कांग्रेस के साथ चलने से इनकार कर दिया। यहां अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस के ही दो प्रत्याशियों में मुकाबला शुरू हो गया। कांग्रेस की रीता देवी और सुनीता गुप्ता ने अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन भरा था, लेकिन बाद में सुनीता गुप्ता ने अपना नाम वापस ले लिया, जिसके चलते रीता देवी को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया, जबकि निर्दलीय के तौर पर जीतकर आए कश्मीर सिंह यादव को उपाध्यक्ष पर निर्विरोध चुना गया।
नगर पंचायत करसोग पर निर्दलियों का कब्जा
7 वार्डों वाली नगर पंचायत करसोग में निर्दलियों ने कब्जा जमाया है। हालांकि निर्दलीय बनकर अध्यक्ष पद की कुर्सी हथियाने वाली बीजेपी नेत्री को पार्टी ने 6 वर्षों के लिए बाहर का रास्ता भी दिखा दिया है। यहां 6 वार्डों में चुनाव हुए और एक वार्ड के लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। 6 में से 4 पार्षद बीजेपी समर्थित थे जबकि दो निर्दलीय थे। अध्यक्ष पद पर काबिज हुई सीमा गुप्ता ने अध्यक्ष पद के लिए पार्टी को किनारे कर दिया, जबकि निर्दलीय के रूप में चुनकर आए बंसी लाल को उपाध्यक्ष पद मिल गया। सीमा गुप्ता को पार्टी ने बाहर कर दिया है।