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गैर-सिख संस्था को सौंपा गया #Kartarpur गुरुद्वारे का प्रबंधन; भारत ने जताया विरोध
इस्लामाबाद। करतारपुर गुरुद्वारा (Kartarpur Gurdwara) के प्रबंधन को पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा गैर-सिख संस्था (non-Sikh institution) को सौंपने की बात सामने आ रही है। इस मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट पर भारत (India) ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसका विरोध दर्ज कराया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘बहुत ही निंदनीय, यह बड़े स्तर पर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं और करतारपुर कॉरिडोर की विचारधारा के खिलाफ है।’ बकौल मंत्रालय, ‘ऐसे कदम पाकिस्तान सरकार की वास्तविकता को उजागर करते हैं।’
आईएसआई से भी जोड़ा जा रहा है गैर-सिख संस्था का नाम
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि हमने उन रिपोर्टों को देखा जिनके अनुसार पाकिस्तान पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का प्रबंधन एवं देखरेख का काम अल्पसंख्यक सिख समुदाय की संस्था पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से लेकर एक गैर सिख संस्था इवेक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के हाथों दिया जा रहा है। भारत द्वारा इस फैसले का विरोध दर्ज कराते हुए कहा गया कि वह सिख समुदाय के अधिकारों के हनन करने वाले मनमाने फैसले को वापस ले। बकौल भारतीय विदेश मंत्रालय, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंध संबंधी मामलों का प्रबंध करने का अधिकार सिख समुदाय का है।
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मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान ने करतारपुर गुरुद्वारे का प्रबंधन SGPC से छीनकर ETPB नाम की मुस्लिम कमेटी को सौंप दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा भी किया गया है कि ETPB को पूरे तरीके से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कंट्रोल करती है। नए प्रबंधन बोर्ड का आईएसआई के साथ कितना गहरा संबंध है, इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि इसका पहला अध्यक्ष आईएसआई चीफ जावेद नासिर था। अब करतारपुर बॉडी को मोहम्मद तारिक खान हेड कर रहे हैं।