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रूस-यूक्रेन युद्ध से सबक लेकर लंबी दूरी के हथियार खरीदेगा भारत
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) से सबक लेकर भारत अब लंबी दूरी के हथियार जमा करने जा रहा है। भारतीय सेना अब आधुनिक गन्स, रॉकेट सिस्टम और मिसाइलों की खरीद को बढ़ाने जा रही है। युद्ध के दौरान दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए जिन हथियारों की जरूरत है वे सब कुछ ही समय में भारतीय सेना के पास होंगे।
इन हथियारों की खरीद करेगी सेना
भारतीय सेना 155 एमएम आर्टिलरी गन सिस्टम, लंबी दूरी तक वार करने वाली मिसाइल और रॉकेट सिस्टम (Long Distance Missile And Rocket System), सर्विलांस और टारगेट एक्विजिशन यूनिट, स्वार्म ड्रोन आर आईएसआर को अपने जखीरे में शामिल करने वाली है। सेना का दो बातों पर विशेष जोर है। इसके पीछे की रणनीति ऐसे हथियार जुटाने की है, जिन्हें आसानी से एक से दूसरी जगह ले जाया जा सके और दूसरा लंबी दूरी तक मार करने वाले ऐसे हथियार, जिन्हें उपयोग करके दुश्मन की जमीन के भीतर घुसकर वार किया जा सके।
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सेल्फ प्रोपेल्ट तोपों पर विशेष फोकस
भातीय सेना ने रूस और यूक्रेन युद्ध से सबक लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया है। 19 महीने से चल रहे युद्ध को देखते हुए कहा जा सकता है कि सेना को लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपों, मिसाइलों (Artillery and Missiles) की जरूरत है। इसके अलावा सेना को आधुनिक बनाने के लिए बड़ी संख्या में ड्रोन भी होने चाहिए। अभी तक भारत के पास ऐसी तोपों की संख्या ज्यादा थी, जिन्हें कैरियर से ले जाने की जरूरत होती है। हालांकि अब सेल्फ प्रोपेल्ट तोपों की खरीद हो रही है। सेना के-9 वज्र के अपग्रेडेड वर्जन का भी परीक्षण कर रही है। सेना तोपखाना रेजमेंट की क्षमता बढ़ाने की तैयारी में है। इसके लिए 300 से ज्यादा स्वदेशी अपग्रेडेड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) और 300 माउंटेड गन सिस्टम की खरीद की प्रक्रिया चल रही है। सेना को दक्षिण कोरिया से लंबी रेंज वाली 100 के-9 वज्र तोपें मिलने वाली हैं।
मिसाइलों को अपग्रेड कर रहा डीआरडीओ
डीआरडीओ भी आधुनिक हथियारों को तैयार करने में लगा है। डीआरडीओ (DRDO) द्वारा तैयारी एटीएजीएस (ATAGS) को तेजी से सेना में शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा भी देशी कंपनियां हथियारों को उन्नत करने और बनाने का काम कर रही हैं। जल्द ही सेना में 1580 पुरानी तोपों के उन्नत वर्जन को शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की रेजिमेंट को भी बढ़ाने का प्लान है। अब ये मिसाइलें 290 नहीं 450 किलोमीटर तक वार कर सकती हैं। बोफोर्स तोपों को उन्नत करके धनुष बना दिया गया है।