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हिमाचल विधानसभा के बाहर आउटसोर्स कर्मियों का सैलाब, ‘एक बार पॉलिसी फिर बार-बार जयराम जी’
शिमला। अपने हक की लड़ाई के लिए आज शिमला (Shimla) में आउटसोर्स कर्मियों का सैलाब उमड़ पड़ा। कर्मियों के सैलाब को देखकर ऐसा लग रहा था मानों किसी बड़े नेता की रैली हो। इस सैलाब में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आउटसोर्स कर्मचारी (Outsourced Employees) आए हुए थे। यह सैलाब धीरे-धीरे कतारबद्ध होकर हजारों की तादाद में आंदोलनरत कर्मचारी विधानसभा के करीब तक पहुंच गए। खास बात ये रही कि इस बार सरकार (Government) के खिलाफ नारे नहीं, बल्कि समर्थन में नारे लग रहे थे।
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हजारों कर्मचारी स्थायी नीति की मांग करते हुए बार-बार जयराम के नारे लगा रहे थे। बताया गया कि राज्य में लगभग 35 हजार कर्मचारी आउटसोर्स पर हैं। प्रदर्शन (Demonstration) के दौरान टकराव जैसी स्थिति भी पैदा नहीं हुई। ये माना जा रहा है कि आउटसोर्स कर्मचारी संघ (outsourced employee union) ने ये निर्णय लिया था कि सरकार के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं होगा। शाम साढ़े 4 बजे के आसपास आउटसोर्स कर्मचारी संघ के महासचिव ने ये ऐलान किया कि सीएम कुछ देर बाद संबोधन के लिए आएंगे।
अंदर खाते कर्मचारी यही चाह रहे थे कि सीएम (CM) सामने आकर बात रखें। उल्लेखनीय है कि हाल ही में ओपीएस की मांग को लेकर जुटे कर्मचारियों के साथ टकराव की स्थिति पैदा हुई थी। सोमवार को आंदोलनरत कर्मचारी जयराम जी को जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। ये भी कह रहे थे कि एक बार पॉलिसी फिर बार-बार जयराम जी। जयराम जी हम तुम्हारे साथ हैं। खास बात ये है कि आंदोलनरत कर्मचारियों ने प्रदर्शन का तरीका ही बदल लिया था।
सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने कहा कि महामारी के कठिन दौर में अगर किसी ने सबसे कठिन काम को बिना शिकायत से ईमानदारी से पूरा किया वो आउटसोर्स कर्मचारी ही थे।सरकार इनकी मुश्किलों और भविष्य को लेकर परेशानियों को समझती है और इसी को देखते हुए सरकार ने तीन मंत्रियों की कमेटी बना कर आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बना कर समाधान का रास्ता निकला है।
सीएम ने कहा कि सरकार विषय की गंभीरता को समझती है और इसके लिए सेवा नियमों, तकनीकी और शैक्षणिक योग्यताओं आदि का अध्य्यन करने के बाद एक ठोस नीति लेकर आएंगे और ईमानदारीपूर्वक रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार जल्द एक निर्णयक नीति लाकर जल्द इनका समाधान करेगी।
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