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मां-बेटे के मिलन का प्रतीक रेणुका मेला शुरू, सीएम ने भगवान परशुराम की पालकी को उठाया
नाहन। मां-बेटे के मिलन का प्रतीक अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेले का आज विधिवत शुभारंभ हो गया। सीएम जयराम ठाकुर ने मेले का शुभारंभ कर प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय मेले की बधाई दी। जयराम ठाकुर ने ददाहू खेल मैदान में देवपूजन करने के बाद भगवान परशुराम की पालकी को कंधे पर उठायाऔर विधिवत शोभायात्रा का शुभारंभ किया। इससाथ ही अंतरराष्ट्रीय मेले का शुभारंभ हो गया।
शोभायात्रा दोपहर बाद करीब तीन बजे स्थानीय खेल मैदान से शुरू होकर ददाहू बाजार, गिरिपुल, बड़ोन, देवशिला व मेला मैदान से होते हुए शाम ढलने से पूर्व रेणुकाजी तीर्थ के त्रिवेणी संगम पर पहुंचेगी, जहां देवताओं का पारंपरिक मिलन होगा। इस मिलन को नजदीक से निहारने व इस पावन पलों के साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालुओं का हुजूम मेले में उमड़ पड़ा है। प्राकृतिक लोक वाद्य यंत्रों, शंख, घंटियाल, ढोल-नगाड़ों, बैंड बाजे के साथ निकाली गई। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि मेले हमारी समृद्ध संस्कृति के परिचायक है। रेणुका मेला हिमाचल के प्रसिद्ध मेलों में से एक है। उन्होंने प्रदेश व जिलावासियों को मेले की शुभकामनाएं दी। सीएम ने कहा कि धीरे प्रदेश कोविड काल से निकल रहा है और मां रेणुका से प्रार्थना करेंगे कि जल्द प्रदेश कोविड के दौर से बाहर निकले, ताकि प्रदेश पुनः तरक्की की राह पर बढ़ सके। बता दें कि हर साल सीएम ही देवपालकी को उठा कर देकर शोभायात्रा का शुभारंभ करते हैं। यही परंपरा कई दशकों से चली आ रही है। शोभा यात्रा के दौरान पूरी रेणुका घाटी माता रेणुका जी और भगवान परशुराम के जयकारों से गूंज उठी। लोगों ने ढोल नगाड़े की धुनों पर माता रेणुका और भगवान परशुराम के जयकारे लगाए। इस दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्र लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे।