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हिमाचल से जुड़े हरिद्वार में फर्जी कोविड टेस्टिंग घोटाले के तार, ईडी ने शुरू की जांच
शिमला। हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान फर्जी कोविड टेस्टिंग घोटाले (Fake Covid Testing Scam) की आंच हिमाचल के शिमला जिला तक पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय की अभी तक की जांच में पता चला है कि जिन जांच लैब का नाम इस फर्जीवाड़े में सामने आया है। उनमें से एक लैब शिमला निवासी की है। इस जानकारी के सामने आने के बाद ईडी ने शिमला (Shimla) या प्रदेश में फर्जी रिपोर्ट से अर्जित कमाई के निवेश और यहां भी फर्जी जांच रिपोर्ट जारी करने के एंगल से जांच शुरू कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) अपनी जांच के दौरान कुछ दिनों में हिमाचल में भी बड़ी कार्रवाई कर सकता है। बता दें कि कुंभ मेले के दौरान उत्तराखंड सरकार ने कोविड रिपोर्ट (Covid Report) के साथ ही प्रदेश में दाखिल होने का आदेश जारी किया था। इस दौरान बड़ी संख्या में फर्जी कोविड रिपोर्ट जारी की गई, जिसकी वजह से उत्तराखंड से लेकर देशभर में अचानक कोविड के मामले बढ़ गए।
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फर्जी रिपोर्ट की जानकारी मिलने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने एफआईआर (FIR) दर्ज की। इसी एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच में सामने आया कि एक ही फोन नंबर पर और एड्रेस पर कई लोगों फॉर्म भरकर टेस्टिंग दिखा दी गई। वहीं जांच में यह भी सामने आया कि कई ऐसे लोगों के नाम पर टेस्ट किए गए जो कभी कुंभ मेले में गए ही नहीं थे। जांच में दौरान ही मिली जानकारी के आधार पर बीते रोज नोवस पैथ लैब, डीएनए लैब्स, मैक्स कारपोरेट सर्विसेज, डा लाल चंदानी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, नलवा लैबोरेट्रीज के कार्यालयों और इनके निदेशकों के देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, नोएडा और हिसार स्थित आवासीय परिसरों में छापेमारी की गई थी। इन्हीं में से एक डीएनए लैब्स के मालिक की शिमला जिले में भी कई संपत्तियां होने की जानकारी मिली है। जिसके बाद अब जांच एजेंसी ने शिमला में जांच शुरू कर दी है।
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