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हिमाचल: IPS नेगी को मिली जमानत, NIA ने 1 लाख जुर्माने के साथ रखी ये शर्त
हिमाचल प्रदेश के आईपीएस ऑफिसर अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी को गुरुवार को कोर्ट से जमानत मिल गई है। आईपीएस ऑफिसर को 18 फरवरी, 2022 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) (NIA) ने गिरफ्तार किया था। ऑफिसर नेगी पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान समर्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा को एनआईए के गोपनीय दस्तावेज सौंपे हैं।
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुसार, जिला शिमला के अतिरिक्त एसपी रह चुके अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लश्कर की मदद की थी। बता दें कि एनआईए ने पिछले साल 6 नवंबर को नेगी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामले की जांच में एनआईए के कुछ गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने में नेगी की अहम भूमिका के बारे मे पता चला था। ये भी पता चला था कि नेगी ने खुर्रम परवेज को भी दस्तावेज लीक किए थे। एनआईए ने जांच में पाया कि नेगी ने ओवरग्राउंड वर्कर के जरिए दस्तावेज लीक किए थे। वहीं, अब स्पेशल नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग जज प्रवीण सिंह ने आईपीएस नेगी को एक लाख रुपए के बॉन्ड और जांच एजेंसी को सहयोग की शर्त के साथ उन्हें जमानत दी है।
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जानकारी के अनुसार, अरविंद दिग्विजय नेगी फरवरी 2007 में हुए समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट की जांच में भी शामिल थे। इसके अलावा साल 2007 में अजमेर दरगाह पर हुए बम ब्लास्ट की जांच भी नेगी ने ही की थी। इस केस में साल 2018 में देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को सजा हुई थी। इस हादसे में तीन लोगों की मौत और 15 लोग घायल हुए थे। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत कांफ्रेंस के खिलाफ हुई कई जांच टीम का भी नेगी हिस्सा रहे हैं। वहीं, मालेगांव बम धमाके की जांच के लिए बनी टीम में भी अरविंद शामिल थे।
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