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मंडी। ग्राम पंचायत थरजून की पूर्व प्रधान जबना चौहान (Jabna Chauhan) पर सीमेंट गबन के मामले (Cement Embezzlement Case) को लेकर दर्ज एफआईआर में आज हिमाचल हाईकोर्ट ने जबना चौहान को स्थायी जमानत दे दी। वहीं, हाईकोर्ट ने पुलिस और पंचायत सचिव को भी जमकर फटकार लगाई और पंचायत सचिव के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है। यह जमानत (Bail) विवेक सिंह ठाकुर की अदालत ने दी है। जबना चौहान की तरफ से एडवोकेट वरूण राणा ने मामले की पैरवी की। बता दें कि थरजून पंचायत के सचिव तेज राम ने 8 अप्रैल, 2022 को गोहर थाना में जबना चौहान पर सीमेंट के 986 बैगों के गबन का आरोप लगाया था। गोहर थाना पुलिस ने इस संदर्भ में आईपीसी की धारा 406 और 409 के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की थी। इसके बाद जबना चौहान कोर्ट (Court) की शरण में चली गई थी। 12 अप्रैल को कोर्ट ने जबना को अंतरिम जमानत देते हुए पुलिस और पंचायत सचिव से सारा रिकार्ड तलब किया।
मामला कोर्ट में जाने के बाद पंचायत सचिव ने सीमेंट ढुलाई के सभी बिल जांच के दौरान गोहर थाना पुलिस के हवाले कर दिएए जबकि एफआईआर से पहले कोई भी रिकार्ड ना होने की बात कही जा रही थी। वहीं, जबना चौहान ने भी वर्ष 2020 में पंचायत को आए सीमेंट के सभी 986 बैगों की ढुलाई की डिटेल फोटोकॉपी सहित कोर्ट को मुहैया करवा दी थी। सीमेंट ढुलाई के लिए पंचायत की कमेटी के जिन लोगों ने हस्ताक्षर किए थे उन्होंने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि उन्होंने यह हस्ताक्षर गुड फेथ पर किए थे, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने इसी बात को आधार मानते हुए पुलिस और पंचायत सचिव (Panchayat Secretary) को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने पुलिस को कहा कि इस मामले में पंचायत सचिव सहित कमेटी के बाकी लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं कोर्ट ने जबना चौहान को एक सामाजिक हस्ती बताते हुए इस मामले में स्थायी जमानत दे दी है।
थरजून पंचायत की पूर्व प्रधान जबना चौहान ने कहा कि उसके खिलाफ जो एफआईआर दर्ज हुई है वह एक राजनीतिक साजिश है। मेरी छवि धूमिल करने के लिए विरोधियों द्वारा एक सोची समझी साजिश रची गई है। मैं जमानत देने के लिए माननीय उच्च न्यायालय का आभार प्रकट करती हूं और मुझे पूर्ण विश्वास है कि जिला न्यायालय भी इस मामले में मुझे बाइज्जत बरी करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
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