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J&K: मनोज सिन्हा ने ली उपराज्यपाल पद की शपथ; इस्तीफे के बाद जीसी मुर्मू देश के नए CAG नियुक्त
Last Updated on August 7, 2020 by Deepak
श्रीनगर। पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के उपराज्यपाल (Lieutenant governor) के रूप में शपथ ले ली है। पूर्व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू (Girish Chandra Murmu) के इस्तीफा देने के बाद सिन्हा को यह पद सौंपा गया है। वहीं, केंद्र सरकार ने जीसी मुर्मू को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद से त्यागपत्र देने के एक दिन बाद देश का नया नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) नियुक्त किया है। मुर्मू राजीव महर्षि का स्थान लेंगे। मुर्मू शनिवार को राष्ट्रपति भवन में सीएजी के रूप में शपथ लेंगे।
शपथ लेने के बाद क्या बोले मनोज सिन्हा, जानें
मनोज सिन्हा को गुरुवार को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त कर दिया गया था। आज शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने राज भवन में उन्हें पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अमन चैन हो, अराजकता की स्थिति न रहे, आतंकवाद यहां से समाप्त हो और अमन चैन बरकरार रखते हुए विकास की गति को तेज करना हमारा लक्ष्य है हमारा मिशन है। उन्होंने आगे कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता है जो पिछले एक साल में जम्मू-कश्मीर में जो विकास का काम हुआ है, उसे तेज गति से आगे बढ़ाना। जो सामान्य लोग हैं उनसे संवाद स्थापित करना और विश्वास पैदा करना। भारतीय संविधान हमारे लिए गीता का काम करेगा।
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बता दें कि मनोज सिन्हा ने लोकसभा में तीन बार पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। वहीं पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में उन्हें बहुजन समाज पार्टी के अफजल अंसारी ने हराया था। मनोज सिन्हा ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जूनियर रेल मंत्री के रूप में भी काम किया है।
जीसी मुर्मू के इस्तीफे पर उमर अब्दुल्ला ने उठाए थे सवाल
मुर्मू केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल थे। 1985 बैच के आईएएस ऑफिसर मुर्मू गुजरात कैडर के अफसर हैं। जीसी मुर्मू ने केन्द्र शासित प्रदेश की बागडोर संभालने के 9 महीने बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मुर्मू के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया था और इस पद पर मनोज सिन्हा को नियुक्त किया। 5 अगस्त यानी एक दिन पहले जब कश्मीर में धारा 370 हटने का एक साल पूरा हुआ, ठीक उसी दिन सोशल मीडिया और वॉट्सऐप ग्रुप्स पर अचानक मुर्मू के इस्तीफे की खबर वायरल हुई। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने इस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा था कि लेफ्टिनेंट गवर्नर से जुड़ी चर्चा अचानक कैसे शुरू हो गई?