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कोरोना ने फीका किया ईद का रंग, इस बार घर ना जाने से निराश कश्मीरी खान
शिमला। ईद उल फितर (Eid Al-Fitr) का त्योहार आज प्रदेशभर में सादगी के साथ मनाया गया। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए हिमाचल में कोरोना कर्फ्यू लगे होने के कारण लोगों ने ईद की नमाज घरों में अदा की। ज्यादातर लोगों ने परिवार के साथ ईद का त्योहार मनाया लेकिन ऐसे भी कुछ लोग थे जो अपने घर नहीं जा पाए। शिमला कश्मीरी खानों (Kashmiri Khan) के कंधों पर चलता है। शिमला में रहने वाले खान शिमला की लाइफ लाइन भी कहे जाते हैं क्योंकि पहाड़ों की रानी शिमला में सामान इन्ही लोगों के कंधों से ही घरों व बाज़ारों में पहुंचता है। इन खानों के लिए ईद का पर्व एक खुशी का मौका होता है, लेकिन इस बार कोरोना ने अन्य पर्वों के साथ ईद का रंग भी फ़ीका कर दिया है।
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शिमला ( Shimla) से ये लोग ईद मनाने के लिए अपने घर जाते थे जो कि कोरोना कर्फ्यू के चलते नहीं जा पाए। शिमला में मज़दूरी कर अपना काम करने वाले खानों का कहना है कि ईद में जो ख़ुशी पहले होती थी अब नहीं है। ईद पर बच्चों से मिलने वह घर जाया करते थे लेकिन इस बार कोरोना कर्फ्यू के चलते घर नहीं जा पाए। उनको गाड़ियां मिल नहीं रही हैं। जब से कर्फ्यू लगा है उसके बाद उनके पास काम भी नहीं बचा है। ऐसे में कमरे के अंदर रहने के अलावा उनके पास दूसरा चारा नहीं बचा है।
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