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हिमाचल समेत 5 राज्यों की अनाज मंडियों में रंगदारी वसूलने वाला ‘बंदर’ धराया
शिमला। यह कोई साधारण बंदर नहीं है। उसका पूरा नाम है संदीप उर्फ बंदर। संदीप जेल में गैंगस्टर कौशल (Gangster Kaushal) की वसूली गैंग का सदस्य है। अपने आका के जेल में बंद होने के बाद वसूली का पूरा नेटवर्क (Ransom Gang) की उसके पास आ गया था। देखते ही देखते उसने हिमाचल (Himachal) सहित 5 राज्यों में अपना नेटवर्क फैला लिया और इन सभी राज्यों की अनाज मंडियों से रंगदारी वसूलने लगा। अब वह एनआईए (NIA) के हत्थे चढ़ा है। पुलिस पूछताछ में उसने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
पांच दिन की पुलिस रिमांड पर मिली जानकारी के बाद अपराध शाखा की टीमें जांच में जुटी हैं। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि कुछ स्थानों पर छापामारी चल रही है। पुलिस जल्द ही कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार कर सकती है जो संदीप उर्फ बंदर के साथ वारदात में शामिल थे। गैंगस्टर कौशल के नाम की दहशत को कैश कराने का काम संदीप बंदर के पास था। वह रंगदारी वसूलता था। उसे ठीक जगह पहुंचाने से लेकर उसे ठिकाने लगाने तक की जिम्मेदारी संदीप के पास थी।
रिमांड में मिली यह जानकारी
एनआईए के पास गैंगस्टर कौशल की पंजाब जेल से चल रहे पूरे नेटवर्क की जानकारी थी जिसके चलते वह संदीप को दबोचने के लिए तीन बार छापामारी कर चुकी थी। उस पर इनाम बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया था। पुलिस आयुक्त कला रामचन्द्रन की ओर से हरियाणा के डीजीपी को पत्र लिखकर उस पर 50 हजार रुपये के इनाम की संस्तुति की गई थी। पांच दिन की पुलिस रिमांड के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब में इसने अपना ठिकाने बना रखे थे। नए लड़कों को इसने अपने गिरोह में शामिल कर रखा था।
जाल बिछाकर ऐसे दबोचा
पुलिस सूत्रों के अनुसार गैंगस्टर कौशल आढ़तियों (Brokers) से रंगदारी लेने के साथ कारोबार में अपने आदमी उतार रहा था। जैसे किसी एक फल या सब्जी का काम करना है तो पूरे मार्केट में एक ही कारोबारी होगा ताकि रेट वह खोले और मुनाफा उसके पास जाए। यह बात आढ़तियों को नागवार लगी। इसके बाद पुलिस को जानकारी मिली। पुलिस ने अपना जाल बिछाकर उसे दबोचा था।
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