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यहां जानें राजीव गांधी ई-टैक्सी योजना के नियम और पात्रता की शर्तें
संजू/शिमला। हिमाचल सरकार ने 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्टार्टअप ई-टैक्सी योजना (Rajiv Gandhi Start Up Scheme) के तहत युवाओं को ई-टैक्सी (E-Taxi) के जरिए स्वरोजगार के मौके देने के लिए नियम तय कर दिए हैं। ई-टैक्सी खरीदने पर युवाओं को सरकार 50 फीसदी सब्सिडी (Subsidy) देगी। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता की आयु 23 साल रखी गई है। आवेदन करने वाले के पास 7 साल का ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। उसे 12वीं पास होने के साथ ही हिमाचल का स्थायी निवासी (Domicile) होना चाहिए। साथ में आधार कार्ड, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग या ईडब्ल्यूएस में से कोई एक प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
ऐसे मिलेगा योजना का लाभ
- स्टार्ट अप योजना का लाभ परिवार में केवल एक ही सदस्य को मिलेगा। जरूरतमंदों की मदद के लिए विशेष मामलों में अनुभव मानदंड में छूट मिल सकती है।
- आवेदक को परिवहन विभाग के पोर्टल (Transport Portal) पर एक खाता बनाना होगा।
- इसे आधार और मोबाइल ओटीपी से वेरिफाई किया जाएगा।
- आवेदनों की छंटनी और जांच आरटीओ (RTO) करेंगे।
- ड्राइविंग टेस्ट भी होगा। टेस्ट आरटीओ की अध्यक्षता वाली समिति लेगी।
- ड्राइविंग कौशल के अलावा, आवेदक को गाड़ी की मैकेनिक्स, चालक के कर्तव्यों, ईंधन व ऊर्जा दक्षता, वाहनों के बुनियादी रखरखाव और सर्विसिंग सहित यातायात नियमों का ज्ञान होना चाहिए।
- आवेदन की जांच के बाद ई-टैक्सी आवेदकों की सूची (रिजर्व पूल) तैयार होगी, जो 2 साल के लिए वैध रहेगी।
- इसके बाद पात्र लाभार्थी की सिफारिशें उद्योग या नामित विभाग को सब्सिडी की मंजूरी के लिए भेजी जाएंगी। सरकारी विभाग और अर्ध-सरकारी संस्थान नए वाहन या वाहन को बदलने की आवश्यकता अनुसार ई-टैक्सी 4 साल की शुरुआती अवधि के लिए किराए (Rent) पर ली जा सकेंगी। यह अवधि 2 साल तक बढ़ाई जा सकेगी।
- संबंधित विभाग या संस्थान विशेष रूप से बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल (Online Portal) पर परिवहन विभाग को मांग प्रस्तुत करेंगे।
- श्रेणी-ए के लिए सिडान कार, श्रेणी-बी के लिए एसयूवी मिड रेंज, श्रेणी-सी के लिए लंबी दूरी की एसयूवी, श्रेणी-डी के लिए प्रीमियम एसयूवी या एमयूवी और श्रेणी-ई के लिए लग्जरी वाहन ई-टैक्सी के रूप में किराए पर लिया जा सकता है।
- इन वाहनों के लिए ऑटोमोटिव रिसर्च एसोशिएसन ऑफ इण्डिया/इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (ARAI/ICAT) की न्यूनतम रेंज क्रमशः 250 किलोमीटर, 300 किलोमीटर, 400 किलोमीटर, 450 किलोमीटर और 450 किलोमीटर होनी चाहिए।
- वाहन के लिए मासिक आधार पर करीब 2500 किलोमीटर की दूरी निर्धारित की गई है, जो आवश्यकतानुसार कम या ज्यादा भी हो सकती है।
- एक वर्ष में 30,000 किलोमीटर चलने के बाद संबंधित विभाग ई-टैक्सी मालिक को 1.5 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करेगा।
- ई-टैक्सी की किराए की दरें तय करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
- ई-टैक्सी की सेवाएं लेने वाले प्रत्येक विभाग या संस्थान को अपने वाहनों की चार्जिंग सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रिक चार्जर स्थापित करना होगा।
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