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सोमवती अमावस्या पर जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, आर्थिक संकट दूर करेंगे ये उपाय
जो अमावस्या सोमवार को पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस अमावस्या को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन किए गए दान-पुण्य और उपाय के फल बहुत ही तेजी से मिलते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान करना बहुत ही पुण्यकारी माना गया है। सोमवार भगवान शिव व चंद्रदेव का दिन होता है और अमावस्या पड़ने पर सूर्य और चंद्र एक सीध में होते हैं, इसलिए यह दिन विशेष होता इस दिन अगर को उपाय किए जाएं तो आर्थिक संकट से छुटकारा मिल सकता है।
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वैदिक पंचांग के अनुसार 19 फरवरी की शाम 04 बजकर 17 मिनट से फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि आरंभ हो रही है। जो अगले दिन 20 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदयातिथि को आधार मानते हुए सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को मनाई जाएगी।
- पंचांग के मुताबिक दान- स्नान 20 फरवरी की सुबह से ही आरंभ हो जाएगा। लेकिन अमृत महूर्त है, जो सुबह 06 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर सुबह 08 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। उसके बाद सुबह 09 बजकर 44 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 11 मिनट तक शुभ-उत्तम मुहूर्त है।
- ज्योतिष अनुसार अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त में स्नान और दान करना उत्तम माना जाता है। इस दिन 20 फरवरी को परिघ योग सुबह से शुरू होकर 11 बजकर 03 मिनट तक है, उसके बाद से शिव योग शुरू हो रहा है।
- सोमवती अमावस्या के दिन चीटियों को आटा जरूर डालें। चीटियों में भगवान विष्णु का वास माना गया है। चीटियों को आटा डालने से मनुष्य के हर संकट दूर होते हैं।
अमावस्या के दिन मछलियों को भी आटा खिलाएं। इससे आपके आर्थिक संकट दूर हो जाएंगे। इससे राहु-केतु के दुष्प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है।
इस दिन पितरों के निमित्त दान-पुण्य भी करने चाहिए।
- सुबह के समय पितरों को जल दें और इसके बाद गर्म कपड़े और अन्न का दान जरूरतमंदों को करें। इसे उपाय से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है और वंश की वृद्धि होती है। साथ ही आपके सभी बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं।
- अमावस्या के दिन भगवान शिव के मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर 21 बेलपत्रों पर ऊं नम: शिवाय लिखकर चढ़ाएं और साथ ही वहीं बैठकर रुद्राक्ष की माला से ओमकार मंत्र का जाप करें। इसे आपके समस्त दुख दूर होंगे और सांसारिक सुखों की प्राप्ति होगी।
- बैल को हरा चारा खिलाएं। ये भगवान शिव के नंदी माने जाते हैं। इससे पितरों को भी शांति मिलती है और शनिदोष भी दूर होता है।
- शाम को पितरों को याद करते हुए घर के ईशान कोण में दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं। दीपक में थोड़ी सी केसर भी डाल लें और रूई के स्थान पर लाल रंग के कलावे का प्रयोग करें। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। साथ ही नौकरी व व्यवसाय में तरक्की भी होती है।
- सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की 108 फेरे लगाने चाहिए। पीपल में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और उनकी परिक्रमा करने से उनका आशीर्वाद भी आपको मिलेगा।
- अमावस्या के दिन भगवान शिव के मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर 21 बेलपत्रों पर ऊं नम: शिवाय लिखकर चढ़ाएं और साथ ही वहीं बैठकर रुद्राक्ष की माला से ओमकार मंत्र का जाप करें।