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हिमाचलः सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर क्षत्रिय संगठनों ने शुरू की पदयात्रा
शिमला। जातिगत आरक्षण के खिलाफ व सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर क्षत्रिय संगठनों ने आज से पद यात्रा शुरु की। साथ ही एट्रोसिटी एक्ट की शव यात्रा भी निकाली गई। हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर देवभूमि क्षत्रिय संगठन लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। सरकार से मिले आश्वासन पूरे ना होने पर संगठन ने फिर से हल्ला बोल दिया है। जातिगत आरक्षण के खिलाफ सवर्ण समाज ने आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा से आरक्षण की शव यात्रा निकाली। यह यात्रा 800 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा है, जिसका नाम सवर्ण समाज अधिकार पदयात्रा दिया गया है। इस यात्रा के तहत जातिगत आरक्षण, एट्रोसिटी एससी एसटी एक्ट और अन्य सवर्ण समाज विरोधी नीतियों की शव यात्रा भी निकाली गई है, जो पांच राज्यों में जाएगी। ये पद यात्रा हरिद्वार पहुंचने के बाद यमुनानगर, चंडीगढ़, ऊना से होते हुए करीब 800 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद दस दिसंबर को धर्मशाला पहुंचने पर खत्म होगी।
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देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष रोहित सिंह ठाकुर ने कहा कि यह शव यात्रा पांच राज्यों से होती हुई कुल 800 किलोमीटर लंबी की होगी। उन्होंने बताया कि नंगे पांव यात्रा निकाली जाएगी और पदयात्रा के दौरान सवर्ण समाज का कोई भी व्यक्ति होटल-ढाबों का खाना नहीं खाएगा। हरिद्वार में पिंडदान करने के उपरांत आर्थिक आधार पर आरक्षण का गंगाजल हरिद्वार से लाया जाएगा और यमुनानगर, चंडीगढ़, ऊना से होते हुए 800 किलोमीटर का सफर तह करने के बाद शीतकालीन सत्र में 10 दिसम्बर को विधानसभा का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है, जिसका खामियाजा उपचुनाव में भुगतान पड़ा है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग को नहीं माना जाता है सरकार को उसके कर्मों की सजा जरूर मिलेगी।
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