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कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव (International Kullu Dussehra Festival) के तीसरे दिन ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में देवी देवताओं के अस्थाई शिविर में विधिवत पूजा अर्चना हुई। जिसमें भगवान रघुनाथ (Lord Raghunath) के अस्थाई शिविर में मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह व पूजारियां ने दशावर्ण पूजा पद्धति से मंत्रोउच्चारण के साथ भगवान रघुनाथ, माता सीता, हनुमान, शालिग्राम व नरसिंह भगवान पंचअमृत के साथ शुद्वोदक स्नान हुआ। जिसके बाद भगवान को वस्त्र पहनाकर सोने चांदी के गहनों से श्रृंगार किया।
इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर में भजन कीर्तन कर गुणगान किया, जिसमें लोगों ने सोशल डिस्टेसिंग व फेसकवर (Social distancing and Mask) पहनकर नियमों का पालन किया और भगवान रघुनाथ के दर्शन किए। भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि भगवान रघुनाथ के कुल्लू आगमन पर अयोध्या की तर्ज पर श्रीराम भगवान, माता सीता, हनुमान, शालिग्र्राम, नरसिंह भगवान की पूजा दशावर्ण विधि विधान के साथ पूजा अर्चना होती है।
दशहरा उत्सव (Dussehra Festival)के तीसरे दिन मंगलवार को ढोल-नगाड़ों की थाप पर देवता नरसिंह की दूसरी जलेब निकली। ढालपुर स्थित रघुनाथ के अस्थायी शिविर से शुरू हुई जलेब दोपहर बाद करीब चार बजे निकली, जिसमें सैंज घाटी के अधिष्ठाता देवता लक्ष्मी नारायण ने पूरे लाव लश्कर के साथ भाग लिया। राजा की चानणी से निकली जलेब के माध्यम से नरसिंह ने ढालपुर में रक्षा सूत्र बांधा। शाही अंदाज में निकाली गई जलेब में अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार होकर निकले।
आगे नरसिंह की घोड़ी और साथ में ढोल.नगाड़ों की थाप पर निकली जलेब में देवता लक्ष्मी नारायण संग देवलुओं ने नाटी डाली। इस दौरान उत्सव देखने आए लोगों ने इस आकर्षक पल को अपने मोबाइल में कैद किया और सेल्फी ली। दशहरा मैदान ढालपुर स्थित राजा की चानणी से जलेब अस्पताल रोड से होते हुए पुराने स्टेट बैंक, कलाकेंद्र तथा ढालपुर चौक होकर निकली।
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