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हिमाचल में गरजी मजदूर यूनियनें, प्रदर्शन कर मनाया काला दिवस
शिमला। हिमाचल में बुधवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर मजदूर संगठन सीटू (CITU) ने जिला, ब्लॉक मुख्यालयों, कार्यस्थलों में प्रदर्शन कर राष्ट्रीय काला दिवस मनाया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी (Protest) की गई। प्रदेश में हजारों मजदूरों ने अलग-अलग जगह कोविड नियमों का पालन करते हुए अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। बता दें कि आज मोदी सरकार द्वारा लागू किये गए काले कृषि कानूनों (agricultural laws) के विरुद्ध किसानों (Farmers) द्वारा चलाए जा रहे ऐतिहासिक आंदोलन को 6 माह पूर्ण हो गए हैं। यह प्रदर्शन प्रदेश के शिमला, रामपुर, रोहड़ू, निरमंड, बिथल, झाकड़ी, नाथपा, टापरी, बायल, चिडग़ांव, सोलन, बद्दी, नालागढ़, परवाणू, अर्की, पांवटा, कुल्लू, आनी, मंडी, रिवालसर, सरकाघाट, जोगिंद्रनगर, हमीरपुर, बैजनाथ, पालमपुर, धर्मशाला, चंबा और ऊना में किए गए।
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सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा और महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि कोविड (Covid) महामारी को केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों के लिए लूट के अवसर में बदल दिया है। जब से मोदी सरकार सत्तासीन हुई है तबसे देश में मजदूर, किसान, युवा, छात्र, महिला दलित विरोधी नीतियां ही लागू की जा रही है। यह सरकार केवल कॉरपोरेट घरानों व पूंजीपतियों के फायदे के लिए नीतियां लागू कर रही है और देश के संसाधन व कृषि इनके हवाले करने के लिए कार्य कर रही है। इन नीतियों के चलते देश में व्यापक बेरोजगारी व महंगाई बढ़ी है व कृषि संकट और अधिक गहरा हुआ है। आज इन नीतियों के कारण आम जनता का जीवनयापन मुश्किल हो गया है। देश में कोविड-19 महामारी से निपटने में मोदी सरकार पूर्णतः विफल रही है जिसके फलस्वरूप करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं और स्वास्थ्य सेवाओं की चरमराती व्यवस्था के कारण देश में इससे 3 लाख से अधिक लोगों को जान चली गई है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि आओ मिलकर इन जनविरोधी नीतियों को बदलने के लिए संघर्ष करें।
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