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नाबालिग को भगाने व दुष्कर्म के दोषी को उम्रकैद, प्रधान और एक अन्य को भी सजा
Last Updated on March 4, 2020 by Deepak
धर्मशाला। उपमंडल ज्वालामुखी के तहत एक गांव की अनुसूचित जाति की नाबालिग को भगाने और दुष्कर्म करने के आरोपित के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा उसका साथ देने वाले पंचायत प्रधान व एक अन्य व्यक्ति को सजा सुनाई है। विशेष जज धर्मशाला के न्यायाधीश जेके शर्मा ने तीनों दोषियों को यह सजा सुनाई है। मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायावादी राजेश वर्मा ने बताया कि कि 15 दिसंबर 2014 को जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी उपमंडल के अंतर्गत आने वाले गांव के व्यक्ति ने पुलिस थाना ज्वालामुखी के शिकायत दर्ज करवाई थी।
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अपनी शिकायत में आरोप लगाया था स्थानीय युवक उनकी नाबालिग बेटी को बहला फुसला कर भगा ले गया है, जिसके बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर नाबालिग युवती तलाश शुरू कर दी थी। इस दौरान पुलिस टीम ने नाबालिग व युवक को अंब में अपनी हिरासत में लिया था। इस दौरान नाबालिग ने पुलिस के समक्ष बयान दिया था कि उसको भगाने वाले आरोपित युवक रजनीश ने पहले गांव तथा फिर सोलन के बद्दी में उसके साथ सबंध बनाए। मामले की जांच के दौरान सामने आया कि इस मामले में राजेश ने आरोपित युवक का दोनों को भगाने में साथ दिया था।
वहीं गांव के प्रधान रमेश ने इस मामले में युवक को उकसाया था तथा उन्हें 3 वर्ष के लिए गांव से बाहर रहने के लिए कहा था। इस मामले में नाबालिग युवती को भगाने तथा उसके साथ अवैध रूप से सबंध बनाने के आरोपित रजनीश पर आरोप सिद्ध होने पर स्पेशल कोर्ट ने विभिन्न धाराओं के तहत उम्रकैद व 40 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न अदा करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दूसरे आरोपित आरोपी राजेश को मामले में युवक का साथ देने तथा उन्हें भगाने के आरोप में 5 वर्ष का कारावास व 15 हजार रुपए का जुर्माना की सजा सुनाई है। वहीं तीसरे दोषी प्रधान रमेश को जुर्म के लिए उकसाने के चलते केस की सुनवाई के दौरान जो सजा काटी है, न्यायालय ने वही उसकी सजा बताई है।