-
Advertisement
कुल्लू में अनाज के पहाड़ पर विराजे भगवान रघुनाथ, सैंकड़ो श्रद्धालुओं ने लिया आशीर्वाद
Last Updated on November 14, 2023 by Soumitra Roy
कुल्लू (Kullu) जिला में अन्नकूट (Annakoot) का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान रघुनाथ (Lord Raghunath) के मंदिर पहुंचकर उनका आशीर्वाद लिया। अन्नकूट त्यौहार को गोवर्धन पूजा के नाम से भी जाना जाता है। कुल्लू में इस दिन भगवान रघुनाथ को नए अनाज का भोग लगाया जाता है। इस मौके पर भगवान रघुनाथ का श्रृंगार करके चावल का पहाड़नुमा ढेर लगाकर उस पर उन्हें विराजमान करवाया जाता है।
फसलों की रक्षा करते हैं रघुनाथ
कहा जाता है कि इस दिन भगवान रघुनाथ को नया अनाज (New Grain) चढ़ाने से भगवान रघुनाथ फसलों की रक्षा करते हैं और अन्न की कमी ना होने का आशीर्वाद देते हैं। अन्नकूट त्यौहार हर वर्ष दीवाली के दूसरे या तीसरे दिन मनाया जाता है जिसके लिए शास्त्र पद्धति के अनुसार दिन का चयन किया जाता है।
यह भी पढ़े: कौव्वे, कुत्ते,गौमाता के बाद लक्ष्मी पूजन; ऐसी होती है गोरखाओं की दिवाली
नई फसल भगवान के चरणों में अर्पित
भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि अन्नकूट का अर्थ है इस मौसम (Weather) में पैदा हुई नई फसल को भगवान के चरणों में अर्पित करना। उन्होंने कहा कि गोर्वधन पूजा द्वापर युग से लेकर चली आ रही है। एक तरफ भगवान को भोग लगाया जाता है और दूसरी तरफ गौमाता की पूजा अर्चना होती है और सभी नए अनाज का भोग गौ ग्रास के रूप में गौमाता को परोसा जाता है। इस तरह से इस परंपरा का निर्वहन किया जाता है।