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हिमाचल में कोरोना की बंदिशेंः बाजार खाली जरूरी वस्तुओं की दुकानें हीं खुली, सूनी दिखीं सड़कें
शिमला। हिमाचल में कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए प्रदेश सरकार की बंदिशों के चलते आज बाजार सूने दिखाई दिए। प्रदेश के शहरों व कस्बों में आवश्यक वस्तुओं की दुकानें ही खुली हुई हैं। अन्य दिनों की अपेक्षा सड़कों पर बसों की संख्या भी कम हैं। इन बसों में इक्का- दुक्का सवारियां ही नजर आईं। आज सरकारी दफ्तर भी (Government office)बंद हैं। दुकानें मार्केट, व्यावसायिक स्थल मॉल, जिम, खेल परिसर व स्वीमिंग पूल भी बंद हैं। कुछ विभागों के कर्मचारी आज घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) कर रहे हैं ।
राजधानी शिमला के बाज़ार व दफ़्तर दो दिन के लिए बंद रखे गए है। जिसका असर शिमला में देखने को मिला। हालांकि लोगों की आवाजाही व वाहनों पर प्रतिबंध नहीं है बाबजूद इसके बाज़ारों में लोगों की भीड़ न के बराबर नज़र आई। शिमला में शराब की दुकानें भी बंद रही। शिमला में लॉक डाउन तो नहीं लेकिन लॉक डाउन जैसे हालात नज़र आए। माल रोड व रिज पर पर्यटक तक नज़र नहीं आए। बाज़ारों में सेनेटाइज़ेशन किया गया।
डीसी शिमला आदित्य नेगी टीम सहित बाज़ारों का निरीक्षण करने पहुंचे। शिमला में होटल, ढाबे व ज़रूरी सामान की दुकानें तो खुली, लेकिन ग्राहक ना के बराबर नज़र आए। डीसी शिमला ने बताया कि जो आदेश बाज़ारो को बंद रखने के दिए गए थे। उसका सभी लोग पालन कर रहे है। यदि कोई नियमों की अवहेलना करते पाया गया तो उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोग हाथ धोने के साथ साथ मास्क लगाने व अन्य नियमों का पालन करें ताकि आप वायरस की चपेट में न आएं।
इसके बाद सोमवार से शुक्रवार तक तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 50 प्रतिशत कर्मचारी ही दफ्तर आएंगे, जबकि बाकी वर्क फ्रॉम होम करेंगे। दिव्यांग और गर्भवती कर्मचारी दफ्तर नहीं आएंगे। हालांकि फल, सब्जी, दूध व दूध उत्पाद जैसे रोजमर्रा के जरूरी उत्पादों व दवा दुकानों पर यह आदेश लागू नहीं होगा। वहीं, रेस्त्रां, ढाबा, होटल पर्यटन (Tourist) विभाग की ओर से जारी कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार चल सकेंगे।
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कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश में साफ कहा गया है कि जो कर्मचारी कार्यालय नहीं आ रहे हैं, वह स्टेशन नहीं छोड़ सकेंगे। उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों के साथ फोन व अन्य माध्यमों से संपर्क में रहना होगा। ऐसे कर्मचारी किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में दो घंटे के भीतर कार्यालय बुलाए जा सकेंगे। सरकारी वाहनों में ज्यादा से ज्यादा पूलिंग की जाए।
23 अप्रैल से श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों (Temple) के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं। मंदिरों में पूजा रोजाना की तरह मंदिर के पुजारी ही कर रहे हैं। नई बंदिशों के तहत पूरे प्रदेश में शादी समारोहों (Wedding ceremonies) और अंतिम संस्कार में सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे। सभी शिक्षण संस्थान बच्चों और शिक्षकों के लिए एक मई तक बंद रहेंगे, जबकि गैर शिक्षण स्टाफ के लिए शिक्षा विभाग अलग से आदेश जारी करेगा। हालांकि शिक्षण संस्थान परीक्षाएं सुचारु रूप से करवा सकेंगे।