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कोरोना ने दिखाई अस्पतालों की असली तस्वीर, अब होंगे मेडिकल स्टाफ के तबादले
Last Updated on May 19, 2021 by saroj patrwal
कोरोना महामारी के इस दौर हमारे हेल्थ केयर सिस्टम( Health care system) की पोल खोल कर रख दी है। गांव के एक छोटे से स्वास्थ्य केंद्र से लेकर बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं ( Health facilities)का क्या हाल है ये सब कुछ कोरोना ने सामने ला कर रख दिया है। हिमाचल जैसे छोटे राज्य की बात करें तो यहां पर डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी सदा ही रही है। गांवों में जहां पर निजी अस्पताल ( private hospital) नहीं वहां पर जो भी स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं वहां पर ना तो दवाएं रहती है और डॉक्टरों के तो दर्शन ही नहीं होते। बीमारी साधारण हो या गंभीर उन्हें तो जिला मुख्यालय या फिर उपमंडल स्तर पर खुले अस्पतालों में जाना ही पड़ता है। इतना ही नहीं कई डॉक्टर व अन्य स्टाफ ऐसा हैं, जो वर्षों से एक ही जगह पर डटे हुए हैं। इस सभी के तबादले अब सरकार करने जा रही है।
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अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जो भी सरप्लस स्टाफ है, उनका तबादला किया जाएगा। अस्पताल प्रशासन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से सरप्लस स्टाफ की सूची मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने छंटनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। अभी तक जो भी जानकारी सामने आई है उसके अनुसार स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों में 300 से अधिक डॉक्टर, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारी सरप्लस हैं। ये काफी समय से एक ही स्थान या फिर घरों के पास डटे हुए हैं। इन्हें अब जरूरत के अनुसार बदला जाएगा। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के 75 फीसदी स्टाफ को फील्ड में सेवाएं देने के लिए कहा है। अस्पतालों की ओपीडी और मरीजों के ऑपरेशन करने के लिए 25 फीसदी डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ अस्पतालों व कार्यालय में रहेगा। एमबीबीएस डॉक्टरों के साथ सीनियर डॉक्टर भी फील्ड में जाकर कोरोना आइसोलेट मरीजों की घर पर जांच करेंगे। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि सरप्लस स्टाफ को इधर-उधर किया जा रहा है। रोना के चलते स्वास्थ्य कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द की गई हैं।