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आपके गार्डन का यह पौधा बड़े काम की है चीज, झट से कंट्रोल हो जाएगी BP की बीमारी
नई दिल्ली। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक कॉमन और जटिल बीमारी जो सबसे अधिक तेजी से लोगों के बीच उभरी है। वह है ब्लड प्रेशर की शिकायत। अमूनन आपने देखा और सुना होगा कि हाई ब्लड प्रेशर के कारण फलाने युवक को ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक आ गया। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इस बीमारी का एकदम घरेलू उपचार है। वह कहीं किसी दवा की दुकान पर नहीं, बल्कि हमारे आपके घरों की बालकनियों, आंगन और दरवाजे पर है। उच्च रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए सदाबहार फूल के पौधे की जड़ बड़े काम की चीज है। इसके सेवन से रक्तचाप स्थिर बना रहता है।
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क्यों बढ़ता है बीपी
उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन वो मेडिकल कंडीशन है जब धमनियों यानी आर्टरी में रक्त का दबाव बढ़ जाता है या फिर इसे ऐसे समझ सकते हैं जब Systolic और Diastolic ब्लड प्रेशर 130/80 mm Hg से अधिक हो जाता है। इसके कारण कई गंभीर शारीरिक समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है, जिनमें ह्रदय रोग, किडनी फेल्योर, स्ट्रोक व आंखों से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं। इसी समस्या का समाधान के लिए डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने खोज की है। रिसर्च में पता चला है कि सदबहार के जड़ बीपी कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
क्या है सदाबहार
सदाबहार एक पौधा है। जिस पर गुलाबी, सफेद और पर्पल रंग के सदाबहार फूल खिलते हैं। इसे अंग्रेजी में Madagascar Periwinkle के नाम से जाना जाता है। जबकि इसका वैज्ञानिक नाम Catharanthus roseus है। बता दें कि सदाबहार की गिनती औषधीय पौधों में भी की जाती है।
एनसीबीआई की रिपोर्ट से जाहिर
ऐसा माना जाता है कि बीपी को नियंत्रित करने के लिए सदाबहार की जड़ लाभकारी होती है। इसकी एक रिपोर्ट देश की महत्वपूर्ण शोध संस्थान एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसमें ये साफ़-साफ़ लिखा है कि सदाबहार का इस्तेमाल अन्य बीमारियों के साथ बीपी को नियंत्रित करने में भी मददगार हो सकता है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि सदाबहार में एल्कलॉइड पाया जाता है, जो हाइपोटेंसिव (ब्लड प्रेशर को कम करने वाला) प्रभाव दिखा सकता है, जिससे शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
कैसे करें सेवन
सदाबहार की जड़ को डॉक्टरी परामर्श पर थोड़ी मात्रा में सुबह खाली पेट चबाएं। चबाने से पहले जड़ को अच्छी तरह साफ कर लें। उसके बाद ही इस्तेमाल में लाएं। वहीं, सदाबहार की जड़ का रस निकालकर भी थोड़ी मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
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