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विस में गरजे सिंघा- भ्रष्टाचार के लिए नहीं दिया था कोरोना काल में अपना वेतन
शिमला। हिमाचल विधानसभा (Himachal vidhan sabha) के बजट सत्र के दौरान ठियोग से माकपा विधायक राकेश सिंघा (MLA Rakesh Singha) ने राज्यपाल के अभिभाषण की चर्चा को लेकर कहा कि अभिभाषण अधूरा है जो हिमाचल की असल तस्वीर को सामने नहीं लाता है। कोरोना (Corona) महामारी ने सदन के 8 सदस्यों को छीन लिया। देश व प्रदेश की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है। सत्ता पक्ष के सदस्य भी राज्यपाल (Governor) के अभिभाषण पर छक्के नहीं मार पाए, क्योंकि छक्के मारने की पिच ही नहीं है। डबल इंजन की सरकार में महंगाई बढ़ गई, पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। किसानों ने देश की आर्थिक स्थिति को सम्भाला है, लेकिन किसानों से भी सरकार खिलवाड़ कर रही है।
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सिंघा ने कहा कि कारोना काल में स्वास्थ्य उपकरणों के खरीद फरोख्त में भारी भ्रष्टाचार (corruption) हुआ। चंबा के डीसी को जो कारोना के उपकरण दिए गए वह महंगे दामों पर खरीदे गए। नेशनल मेडिकल स्टोर से 580 रुपए का मास्क खरीदा गया। थर्मल स्कैनर 10,531 में खरीदा गया। जो मात्र 1300 रुपए के करीब मिलता है। कोरोना काल में हमने अपना वेतन इसलिए नहीं दिया था कि उससे इस तरह का भ्रष्टाचार हों। जनमंच (Janmanch) गरीबों को सहारा नहीं दे पा रहा है। दलितों का आज भी दमन हो रहा है। लेबर लॉ को बदल कर सरकार ने मज़दूरों की पीड़ा को बढ़ाया है। अंब में मज़दूर को फांसी लगानी पड़ी। कोरोना काल में वापस आये अढ़ाई लाख लोगों को रोजगार देना तो दूर यहां पर काम कर रहे 3 लाख प्रवासी मज़दूरों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। आउटसोर्स मज़दूरों का शोषण किया जा रहा है।
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