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हिमाचल से विदा हुआ मानसून, 481 लोगों की ले गया जान; 13 अभी भी लापता-15 से विंटर सीजन
शिमला। हिमाचल में 13 जून को आया मानसून (Monsoon) आज विदा हो गया है। इस बार मानसून करीब 14 दिन देरी से वापिस लाैटा है। ज्यादातर मानसून प्रदेश से 25 सितंबर को विदा होता हैए लेकिन इस बार 14 दिन देरी से मानसून की विदाई हुई है। बावजूद इसके प्रदेश में 10 फीसदी कम बारिश हुई है।13 जून से 8 अक्तूबर तक चले मानसून सीजन में प्रदेश में सामान्य से 10 फीसदी कम बारिश हुई। 13 जून से 8 अक्तूबर तक प्रदेश में 692 मिमी बारिश हाेनी चाहिए थी, जाे नहीं हुई है। हालांकि मौसम विभाग ने मानसून जाने के बाद भी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 10 अक्तूबर तक मौसम साफ रहेगा। लेकिन 11 और 12 अक्तूबर को प्रदेश के कई जिलों में बारिश (Rain) हो सकती है। हालांकि यह बारिश लगातार नहीं होगी।
सितंबर माह में एक्टिव रहा मानसून
इस बार सितंबर महीने में मानसून प्रदेश में काफी एक्टिव रहा। इस बीच प्रदेश में सामान्य से 34 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई जोकि पूरे मानसून सीजन में सबसे ज्यादा है। जून में सामान्य से छह प्रतिशत और अगस्त में सामान्य से 44 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई। है। जुलाई में सामान्य से 6 फीसदी अधिक बारीश हुई है। हिमाचल के चार जिला में इस बार सामान्य से अधिक बारीश हुई है। इसमें बिलासपुर कुल्लू मंडी शिमला शामिल है।
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आज शुक्रवार को प्रदेश की राजधानी शिमला सहित प्रदेश भर में मौसम साफ रहा। धूप खिलने से अधिकतम तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके साथ ही मौसम विज्ञान केंद्र शिमला (Meteorological Center Shimla) के अनुसार हिमाचल में अब 15 नवंबर तक पोस्ट मानसून सीजन चलेगा। इस दौरान बीच-बीच में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, हालांकि बारिश की झड़ी नहीं लगेगी। 15 नवंबर से हिमाचल में विंटर सीजन शुरू होगा।
शुक्रवार को को ऊना में अधिकतम तापमान 34.0, बिलासपुर 33.5, भुंतर 31.4, चंबा 30.4, कांगड़ा 30.2, हमीरपुर 30.1, सुंदरनगर 30.0, सोलन 29.5, नाहन 27.0, धर्मशाला 26.2, शिमला 24.6, केलांग 23.5, कल्पा 21.6 और डलहौजी में 19.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
मानसून ने 481 लोगों की ली जान, करोड़ों की लगी चपत
प्रदेश में मानसून भले ही दस फीसदी कम बरसा हो लेकिन इसने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। इस बीच 481 लोगों की प्राकृतिक आपदा के दौरान मौत हुई है। इसके अलावा हिमाचल में 1161.73 करोड़ रुपए की चल अचल संपति की तबाही हुई है। मानसून के कारण बिलासपुर में 28, चंबा में 62, हमीरपुर में 23, कांगड़ा में 37, किन्नौर में 54, कुल्लू में 39, लाहुल स्पीति में 29, मंडी में 40,शिमला में 69, सिरमौर में 31, सोलन में 39 और ऊना में 30 लोगों की अलग अलग प्राकृतिक आपदाओं में जान गई है। इस बीच 627 लोग घायल हुए है और 13 लोग अभी तक लापता बताए जा रहे है। भारी बरसात से प्रदेश में 1104 घर आंशिक और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए है। 18 दुकानें, 9 लेबर शैड, और 8 गऊशालाएं बारिश के पानी में ढह गई हैं। इससे लोगों को 131.9 करोड़ का नुकसान पहुंचा है।
पिछले साल 26 फीसदी कम हुई थी बारिश
बता दें कि हिमाचल में बीते साल 2020 में सामान्य से 26 फीसदी बारिश कम दर्ज की गई थी। वहीं बीते वर्ष 30 सितंबर को ही मानसून विदा हो गया था। 2020 के मानसून सीजन में सिर्फ तीन जिलों बिलासपुर, कुल्लू और ऊना में सामान्य बारिश दर्ज की गई थी। बाकी अन्य नौ जिलों में सामान्य से कम बादल बरसे। लाहुल-स्पीति में सबसे कम सामान्य से 73 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई थी। 2019 में मानसून 11 अक्तूबर को विदा हुआ था और बारिश सामान्य से 10 फीसदी कम हुई थी।
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