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बुलडोजर एक्शन के दौरान जिंदा जल गई मां-बेटी, गिड़गिड़ाता रहा पीड़ित किसी ने नही सुनी
उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रशासन की बुलडोजर की कार्रवाई के दौरान मां और बेटी की जिंदा जलकर मौत का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। सपा इसे लेकर सरकार को लगातार घेर रही है। बताया जा रहा है कि कानपुर के रूरा थाना क्षेत्र के मौड़ौली गांव में, सरकारी जमीन पर कब्जा हटाने प्रशासन की टीम पहुंची थी। इसी दौरान पीड़ित परिवार के लोगों ने आत्मदाह की धमकी दी।आत्मदाह की धमकी के बीच ही झोपड़ी में आग लग गई। जिसमें जलकर मां-बेटी की मौत हो गई। जिसके बाद अधिकारी मौके सा भाग गई। इस घटना में पीड़ित कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और उनकी 23 साल की बेटी नेहा दीक्षित की जिंदा जलकर मौत हो गई। पत्नी और बेटी को बचाने के लिए आग बुझाने के दौरान वे भी बुरी तरह जल गए।
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पीड़ित गोपाल दीक्षित का कहना है कि रोने-गिड़गिड़ाने के बावजूद अधिकारी नहीं माने। उनसे कहा कि मामला अभी कोर्ट में चल रहा है, लेकिन इसके बाद भी हमारा घर गिरा दिया गया। उनका आरोप है कि मौके पर गांव के ही 8-10 लोग थे जो कह रहे थे कि सबको जला दो, उन लोगों ने ही घर में आग लगा दी। घटना के बाद गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीणों में इसे लेकर आक्रोश है।पीएसी को भी तैनात किया गया है। घटना स्थल पर सैकड़ो ग्रामीण एकत्रित, लेखपाल की कार को ग्रामीणों ने पलट दिया। मौके पर हंगामा बढ़ते देख कानपुर मंडल के कमिश्नर और एडीजी आलोक सिंह मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिजनों को कमिश्नर और कानपुर जोन के एडीजी समझाने में जुटे। वहीं राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कानपुर की घटना पर दुख जताते हुए कहा कि दोषियों को नहीं बख्शेंगे। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा पर सीएम संवेदनशील हैं। बुलडोजर एक्शन के दौरान जब आग लगी तो वहां प्रशासनिक टीम भी मौजूद थी और बड़ी संख्या में लोग भी मौजूद थे जो वीडियो बनाने में लगे रहे। किसी ने भी मां-बेटी को बचाने की जहमत नहीं उठाई। वहीं प्रशासन ने मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं। एसपी का कहना है कि दोनों ने खुद आग लगा दी थी। मृत महिला प्रमिला दीक्षित के पति कृष्ण गोपाल और उनके बेटे शिवम ने प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया।