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हिमाचल: नई शिक्षा नीति में प्राचीन समय की 67 कलाओं को जोड़ने का किया है प्रयास
Last Updated on December 3, 2021 by saroj patrwal
नाहन। डॉ यशवंत सिंह परमार डिग्री कॉलेज नाहन में नई शिक्षा नीति-2020 (New Education Policy-2020) पर आज से राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ पदमश्री अवार्ड से सम्मानित प्रख्यात शिक्षाविद् आरसी सोबती (RC Sobti) ने किया। दो दिवसीय इस सम्मेलन में देश भर के करीब 80 से 100 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है। पदमश्री अवार्ड से सम्मानित देश के प्रख्यात शिक्षाविद आरसी सोबती ने इस राष्ट्रीय सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में वह लचीलापन देखने को मिल रहा है, जो प्राचीन शिक्षा नीति में पहले से मौजूद थी। पद्मश्री सोबती ने कहा कि आज के समय में जिसे वोकेशनल विषय के तौर पर जाना जाता हैए वह पहले कला के तौर पर जानी जाती थी।
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प्राचीन शिक्षा नीति में 67 कलाएं होती थी, जो हर व्यक्ति को करनी पड़ती थी और प्राचीन शिक्षा की इन्हीं 67 कलाओं को नई शिक्षा नीति में लाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल शिक्षा नीति बनाने का सही समय है। कोविड के चलते आज विश्व सूचना तंत्र से जुड़ा है। लिहाजा विश्व स्तर पर एक ही प्रकार की शिक्षा नीति बनाए जाने की जरूरत है। बता दें कि नाहन कॉलेज (Nahan College) के 60 साल के समय में यह पहला मौका है, जब यहां किसी राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। 2 दिनों तक चलने वाले इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में देश भर से आए नामी शिक्षाविदों सहित अन्य प्रतिभागियों द्वारा नई शिक्षा नीति से संबंधित शोध कार्य व उसके क्रियान्वयन पर विचार विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में शिक्षा नीति पर कई प्रख्यात शिक्षाविद् भी अपने वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे।
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