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एनसीपी नेता शरद पवार ने छोड़ा पार्टी अध्यक्ष पद, कार्यकर्ताओं का आग्रह-इस्तीफा वापस लें
एनसीपी नेता शरद पवार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। शरद पवार ने जब इस बात की घोषणा की तो उसके बाद उनके लिए वहां जोरदार नारेबाजी हुई और समर्थक उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग करने लगे। उन्होंने अपनी आटोबायोग्राफी ‘लोक माजे सांगती’ के दूसरे एडिशन के लॉन्च के अवसर पर अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा की। इस दौरान शरद पवार ने कहा कि उनके पास राज्यसभा का तीन साल का कार्यकाल बचा है। इसके बाद वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर पार्टी से इस्तीफा देकर एनसीपी का गठन किया था।
It will be hard to manage emotions to leaders who walked with saheb in every good or bad days..#SharadPawar pic.twitter.com/XS6qORJ9kd
— Rahul Shendage🇮🇳 (@shendagerahul12) May 2, 2023
कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे के अपने निर्णय को वापस लेने के लिए नारे भी लगाए
शरद पवार ने कहा उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1 मई 1960 को की थी। कल ही हमने मई दिवस मनाया। इतने लंबे राजनीतिक सफर के बाद हमें कहीं न कहीं रुक जाना होता है। किसी को भी बहुत अधिक लालची नहीं होना चाहिए। पवार ने कहा कि एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की कमेटी बनाई जाए और वह भविष्य की रूप-रेखा तैयार करें। पवार ने कहा, इस कमेटी में प्रफुल पटेल, सुनील ततकारे, पीसी चाको, नरहरी जिरवाल, अजीत पवार, सुप्रीया सुले, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र अवहद, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़ और पार्टी से जुड़े संगठनों के अध्यक्षों को शामिल किया जाए। शरद पवार के इस्तीफे की घोषणा के बाद एनसीपी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके पैर छुए और इस्तीफे के अपने निर्णय को वापस लेने के लिए नारे भी लगाए। कार्यकर्ताओं ने कहा, आपका यह निर्णय हमें मंजूर नहीं है। हम आपके दरख्वास्त करते हैं कि अपने इस निर्णय को वापस ले लें। जब तक आप ऐसा नहीं करेंगे, हम यहां से नहीं हिलेंगे।
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