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नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, 88.44 मीटर भाला फेंक कर कब्जाई डायमंड लीग ट्रॉफी
नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल (Diamond League Final) में प्रथम स्थान हासिल किया है। नीरज चोपड़ा को डायमंड लीग ट्रॉफी जीतने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव हासिल किया है। नीरज चोपड़ा ने 88.44 मीटर भाला फेंक कर चेक गणराज्य के जैकब वादलेच्चो (jacob vadleccho) को पछाड़ दिया। उन्होंने अपने पांचवे प्रयास में 86.94 मीटर भाला फेंकने में सफलता हासिल कर ली। नीरज चोपड़ा की पहली थ्रो फाउल हो गई थी मगर दूसरी थ्रो में वह 88.44 मीटर भाला फेंकने में कामयाब रहे। इस प्रयास ने उन्हें खिताब दिलवाने के लिए सुनिश्चित कर दिया था। वहीं उन्होंने तीसरे थ्रो (third throw) में 88, चौथे थ्रो में 86.11, पांचवे थ्रो में 87 और छठे व अंतिम थ्रो में 83.6 मीटर भाला फेंका। वहीं वादलेच्चो ने नीरज के साथ ओलंपिक में पदक जीता था।
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वहीं इसके साथ-साथ जूलियन वेबर (Julian Weber) 83.73 मीटर दूरी के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इस जीत के लिए नीरज को 23.98 लाख रुपए की राशि पुरस्कार (Award amounting to Rs 23.98 lakh) के रूप में मिली। इसके साथ ही उन्होंने डायमंड ट्रॉफी पर भी कब्जा भी जमा लिया। नीरज को जैसे यह जीत हासिल हुई, उन्होंने ट्राफी के साथ तिरंगे को ओढ़ लिया। तत्पश्चात सभी विजेताओं को डायमंड ट्राफी के साथ ट्रैक पर कार के माध्यम से घुमाया गया। इसमें नीरज भी शामिल रहे।
नीरज ने दोहा में पहली और सिलेसिया में तीसरी डायमंड लीग में हिस्सा नहीं लिया था (The first in Doha and the third in Silesia did not take part in the Diamond League.) । स्टॉकहोम में नीरज ने 89.94 मीटर भाला फेंक कर कीर्तिमान बनाया था। मगर यहां उन्हें रजत पदक ही मिला था। वहीं इससे पहले नीरज विश्व चैंपियनशिप के बाद चोटिल भी हो गए थे। यही कारण रहा कि वह बर्मिंघम (Birmingham) राष्ट्रमंडल की खेलों में हिस्सा नहीं ले पाए थे। इसके जब चोट ठीक हुई तो उन्होंने लुसान डायमंड लीग में 89.08 मीटर भाला फेंक कर स्वर्ण पदक जीता था। पानीपत के 24 वर्षीय नीरज ने 2017 और 2018 में डायमंड लीग के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन तब वह सातवें और चौथे स्थान पर रहे थे।