-
Advertisement
अपनी बहू से कभी ना कहें ये पांच बातें, रिश्तों में डाल सकती हैं दरार
शादी के बाद एक लड़की की लाइफ में काफी नए रिश्ते आते हैं जिनमें सबसे खास होता है सास-बहू का रिश्ता। ये सबसे ज्यादा चैलेंजिंग होता है, अपनी सास से अच्छे रिश्ते बनाना। एक तो शादी के पहले ही लड़की को सास के नाम पर ‘संभलकर रहने’ की हिदायत दे दी जाती है, ऊपर से विवाह के बाद जब वह ससुराल जाती है, तो सास की कही कुछ टिपिकल बातें उसे बुरी तरह हर्ट कर जाती हैं। चाहे ये बातें जानबूझकर कही गई हों या फिर अनजाने में, लेकिन एक बात तय है कि इनसे पहुंचा दुख भुला पाना किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता है। सास की कही कुछ बातें बहुओं को सबसे ज्यादा दुखी करती हैं। अगर आप भी सास हैं तो बहू के सामने इन बातों को ना कहें। उनमें से पांच बातों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं –
यह भी पढ़ें: J&K: सुरक्षाबलों ने शोपियां में मार गिराए 4 आतंकवादी, 24 घंटे के अंदर 9 Terrorist ढेर
तुम्हारी मां ने नहीं सिखाया
एक बात जो किसी बहू को सबसे ज्यादा तोड़ती है, वह है सास का हर बात में उसके पेरेंट्स को बीच में लाना। चाहे बात खाने की हो या घर के किसी अन्य काम की, जब महिला को यह सुनने को मिलता है ‘तुम्हारी मां ने नहीं सिखाया’ तो वह गुस्से का कड़वा घूंट पीकर रह जाती है। चूंकि सास उम्र में बड़ी है इसलिए वह उनका लिहाज करते हुए भले ही जवाब ने दे, लेकिन यह बात तय है कि यह उसे ऐसा जख्म देगा कि वह कभी भी इसे भुला नहीं सकेगी। जाहिर सी बात है कि जब सवाल परवरिश पर उठाया जाए, तो भला उसे कोई कैसा बर्दाश्त कर सकता है?
अभी तो घर गई थी
महिला चाहे कितनी ही इंडिपेंडेंट क्यों न हो, लेकिन शादी के बाद अगर उसे मायके जाना हो, तो इसके लिए पहले सास से परमिशन जरूर लेनी पड़ती है। वैसे तो अक्सर शादी के बाद बहू को अपनी जिम्मेदारियों के चलते पैरंट्स के पास जाने का कम ही मौका मिल पाता है, लेकिन अगर उसे घर की याद आए और वह 6 महीने में एक बार भी माता-पिता के पास जाना चाहे, तो अक्सर उसे ‘अरे अभी तो गई थी’ का डायलॉग दिया जाता है। सास की कही यह बात बहू को सबसे ज्यादा हर्ट करती है, क्योंकि यह भावनाओं से जुड़ा मामला होता है।
अरे! मेरे बेटे से काम करवा रही हो
वैसे तो कहा जाता है कि पति-पत्नी को हर जिम्मेदारी बराबरी से निभानी चाहिए, लेकिन जब बात घर के काम की आती है, तो सब महिला के खाते में चला जाता है। ना तो पुरुष खुद से पहल करते हैं और ना उनसे अपेक्षा की जाती है। ऐसे में अगर पत्नी गलती से पति से मदद करने को कह दे और वह किचन में हाथ बंटाने पहुंच जाए, तब सास का डायलॉग आता है ‘अरे! मेरे बेटे से काम करवा रही हो’ उन्हें इरिटेशन से भर देता है।
ननद की सेवा करवाना
ननद घर आए तो बहू का काम डबल नहीं ट्रिपल हो जाता है। अपनी शादीशुदा बेटी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना, उसे आराम करने का मौका देना हर मां चाहेगी, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि यह भूल जाया जाए कि घर की बहू के पास वैसे ही बहुत काम हैं। उससे हर समय बेटी की फेवरिट चीजें बनवाते रहना या उसके साथ शॉपिंग के लिए जाने को कहना या उसकी पसंद की चीज लाने के लिए कहना, ये सब बहू को बुरी तरह से थका देता है। अगर इस स्थिति में यह कहा जाए कि ‘अरे! कुछ ही दिन के लिए तो बेटी आई है’, तो भी यह स्थिति ठीक नहीं है, क्योंकि लगातार किचन या घर के काम में ही खटने पर एक दिन ही जबरदस्त मेंटल से लेकर इमोशनल स्ट्रेस क्रिएट करने के लिए काफी होता है।
मेरे बेटे को मेरे ही हाथ से बनी ये डिश पसंद है
काफी सास ये लाइन्स कहती हैं ‘अरे बहू रहने दे, वो नहीं खाएगा, उसे मेरे ही हाथ की बनी यह सब्जी पसंद आती है।’ सब्जी लाने से लेकर, उसे काटने तक की पूरी तैयारी बहू करे और जैसे ही छोंकने का टाइम आए, तब सास की ओर से आया यह डायलॉग सुन बहू झुंझलाकर रह जाती है। माना कि हर बेटे को अपनी ही मां के हाथ का खाना ही सबसे अच्छा लगता है, लेकिन पत्नी भी मन से अपने पति और सभी के लिए कभी-कभी स्पेशल डिश बनाना चाहती है। प्रोत्साहन की जगह ऐसा डायलॉग सुनने को मिले तो भला कौन बहू इस बात को पचा सकेगी।