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अब पैदा होते बच्चे को मिलेगा आधार, जानिए क्या है इसका फायदा
भारत में आधार कार्ड जरूरी दस्तावेजों में से एक है। आधार कार्ड को आइडेंटिटी प्रूफ (Identity Proof) की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। आधार कार्ड कई सरकारी और गैर-सरकारी बेनेफिट्स के लिए भी अनिवार्य दस्तावेज है। अब बच्चों के एडमिशन के लिए भी आधार बहुत जरूरी दस्तावेज बन चुका है। आधार कार्ड धारकों के लिए एक जरूरी खबर सामने आई है। दरअसल, अब यूआईडीएआई (UIDAI) अपने यूजर्स के लिए नई सुविधा देने की तैयारी कर रहा है।
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बता दें कि अभी 5 साल से कम उम्र के बच्चों के आधार के लिए बायोमेट्रिक्स की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन जब उनकी उम्र 5 साल से ज्यादा हो जाती है तो उनका बायोमेट्रिक्स करवाना अनिवार्य हो जाता है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) (Unique Identification Authority of India) के सीईओ सौरभ गर्ग ने बताया कि यूआईडीएआई एक ऐसी योजना बना रही है, जिससे अब आधार बनवाने के लिए बच्चे के माता-पिता को परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी और बच्चे के जन्म लेने के साथ ही उस बच्चे का आधार कार्ड बन जाएगा।
गर्ग का कहना है कि यूआईडीएआई इसके लिए नया प्लान तैयार कर रही है। अब जन्म लेने वाले बच्चों को आधार कार्ड मुहैया करवाने के लिए अस्पतालों को रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा दी जाएगी। इस योजना को शुरू करने के लिए यूआईडीएआई बर्थ रजिस्ट्रार के साथ मिलकर काम करेगा और इसके लिए बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में हर दिन करीब 2.5 करोड़ बच्चों का जन्म होता है। ऐसे में यूआईडीएआई की योजना है कि अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों की फोटो खींचकर साथ ही साथ आधार कार्ड जारी कर दिया जाएगा।
गर्ग ने बताया कि अब जल्द ही भारत में क्षेत्रीय भाषाओं में भी आधार कार्ड जारी किए जाएंगे। फिलहाल, देश में आधार कार्ड पर हिंदी और अंग्रेजी में ही जानकारियां दी गई होती हैं, लेकिन जल्दी ही आधार कार्ड पर पंजाबी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, उड़िया, मराठी जैसी तमाम क्षेत्रीय भाषाओं में कार्ड धारक का नाम और अन्य डिटेल्स देखने को मिलेंगी।