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मां-बाप के बीच रोजाना हो रहे झगड़े, बच्चों को बना सकते हैं चिड़चिड़ा
नई दिल्ली। कहते हैं कि बचपन में जो भी बच्चे अपने आस-पास होते देखते हैं उनका स्वभाव भी उसी तरह का हो जाता है। ऐसे में हर घर में बच्चों को सबसे प्यार से बात करना सिखाया जाता है। लेकिन कभी-कभी मां-बाप की छोटी-छोटी गलतियां बच्चों के व्यवहार पर बुरा असर डालती हैं और मां-बाप की सिखाई सभी बातों को भी बच्चे भूलते समय नहीं लगाते। कहते हैं कि जहां दो बर्तन होते हैं, वहां आवाज आना नॉर्मल की बात है यही बात शादी पर भी लागू होती है। शादी में जरूरी नहीं हर किसी की पसंद एक जैसी हो ऐसे में छोटी-छोटी बातों पर नौंक–झौंक होना तो आम सी बात है लेकिन समझदार पेरेंट्स तो वही होते हैं जो अपने बच्चों के सामने लड़ाई ना कर के आपस में मामला सुलझा लें, क्योंकि इसका सबसे बुरा असर बच्चों के दिमाग पर पड़ता है जिससे बच्चा उम्र भर के लिए चिड़चिड़ा हो सकता है साथ ही उसका नेचर गुस्सैल हो सकता है और वो आए दिन किसी ना किसी से छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करने लग जाते हैं।
- कई बार आपसी झगड़ों से परेशान पैरेंट्स बच्चों पर अपना गुस्सा उतारते हैं। इसका बच्चों के मासूम मन पर गहरा असर पड़ता है और वे अपने परिवार से दूरी बनाने लगते हैं। वे बात-बात पर झगड़ने लगते हैं। ऐसे में कई बार गलत संगत में पड़ जाते हैं।
- बच्चे खुशी भरे माहौल में ज्यादा बेहतर ढंग से सीखते हैं, पढ़ते हैं। अगर घर में तनाव भरा माहौल है तो बच्चा पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएगा।
- जिन बच्चों ने बचपन से ही घर में झगड़े देखें हों वे बड़े होकर मानसिक बीमारी का जल्दी शिकार होते हैं। तनाव में पले-बढ़े बच्चे किसी का सम्मान नहीं करते बुरा बोलना, जवाब देना, बात न मानना और बात-बात पर झगड़ना उनकी आदत में शामिल होता है। ऐसे बच्चों में आत्मविश्वास की भी कमी होती है।
- पैरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान
अपने बीच के मतभेदों को आपसी बातचीत से हल करें। एक-दूसरे के लिए अपशब्द इस्तेमाल करना, एक-दूसरे पर चिल्लाना बच्चे में हीन भावना भर सकता है। अपने मतभेदों को शांति से सुलझाना सीखें। अपने पार्टनर की बात को अहमियत देंगे तो बच्चों के व्यवहार में यह खूबी आएगी।