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पैरालाइज मरीज को Una-Tanda Hospital पहुंचाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस सुविधा, निजी वाहन में लाना पड़ा
ऊना। कर्फ्यू के बीच चिंतपूर्णी अस्पताल में आए पैरालाइज मरीज को ऊना और टांडा अस्पताल जाने के लिए 108 एंबुलेंस सुविधा नहीं मिल सकी, जिस कारण मरीज के साथ आए परिवार वालों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। धर्मशाला महंता निवासी विपन कुमार को ऊना और टांडा अस्पताल (Una-Tanda Hospital) ले जाने के लिए उसका परिवार 108 एंबुलेंस के लिए हाथ-पैर मारता रहा। बताया जा रहा है कि विपन कुमार की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद परिवार वाले गाड़ी में उसे चिंतपूर्णी अस्पताल ले आए। वहां तैनात डॉक्टर ने उनका प्राथमिक उपचार किया और उन्हें ऊना या टांडा ले जाने के लिए कहा।
विपन के भाई ने 108 हेल्पलाइन नंबर (108 helpline number) पर फोन करके एंबुलेंस उपलब्ध करने के लिए कहा लेकिन फोन पर ही उन्हें एंबुलेंस सुविधा देने के लिए मना कर दिया गया। विपन को परिजनों ने निजी गाड़ी से ऊना अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर्स ने विपन को प्राथमिक उपचार देकर टांडा रेफर कर दिया। जब मरीज के भाई ने दोबारा से 108 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क साधा तो उन्हे जवाब मिला कि ऊना से टांडा के लिए एम्बुलेंस की सुविधा मुहैया नहीं करवा सकते। चिंतपूर्णी से टांडा जाने के लिए आपको 108 की सुविधा मिल सकती है। जब मरीज का परिवार दोबारा गाड़ी लेकर ऊना से चिंतपूर्णी पहुंचा और फिर दोबारा से फोन किया तो उन्हे कुछ देर बाद फोन करने के लिए कहा गया। मरीज के भाई ने दोबारा फोन किया तो काफी देर तक किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद कर्फ्यू के बीच मरीज को निजी गाड़ी से टांडा अस्पताल पहुंचाना पड़ा।
धर्मशाला महंता खास की पंचायत प्रधान गुरमीत कौर ने पैरालाइज मरीज को 108 एबुलेंस सुविधा न दिए जाने पर कड़ा रोष जताया है। उधर, अंब के बीएमओ डॉ. राजीव गर्ग ने बताया कि अगर मरीज को 108 एंबुलेंस सुविधा नहीं मिली तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है। 108 हेल्पलाइन नंबर धर्मपुर से ऑपरेट होता है। चिंतपूर्णी में मौजूद 108 एंबुलेंस की सुविधा मरीज को क्यों नहीं मिली इसका कारण चिंतपूर्णी 108 एंबुलेंस वाले ही बता सकते हैं।