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नाचन में संदेह के घेरे में देवदार के पेड़ों का कटान, आखिर आरा मशीन पर क्यों छोड़ी लकड़ी
संजीव कुमार/गोहर। वनमंडल नाचन तांदी बीट में देवदार की लकड़ी के कथित अवैध कटान (Illegal cutting) के मामले ने वन विभाग (Forest Department) की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में ला दी है। शिकायतकर्ता ने बिना अनुमति देवदार के पेड़ों को काटे जाने की शिकायत पुलिस और वन विभाग के आलाधिकारियों से की है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि लकड़ी को ठिकाने लगाने के लिए इसे आरा मशीन पर छोड़ा गया है। उधर, वन विभाग (Forest Department) की माने तो देवदार के पांच पेड़ तेज हवा के कारण गिर गए थे। जंगल से लकड़ी चोरी ना हो जाए इसके लिए इन्हें स्टोर में रखने का निर्णय लिया था। इसमें लकड़ी कुछ बड़े मोछे थे, जिन्हें स्टोर तक पहुंचाना मुश्किल था। उन्हें आरा मशीनों में स्लीपर निकालने के लिए छोड़ा गया है। वहीं, पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज कर लिया है।
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शिकायतकर्ता फते सिंह ने पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि तांदी बीट के अंतर्गत जुलाहा के समीप वन विभाग ने बिना एफआरए (FRA) स्वीकृत के व लॉकडाउन के दौरान जेसीबी मशीन से रास्ते के नाम पर सड़क का निर्माण कर दिया है। जहां दर्जनों देवदार के हरे विशालकाय पेड़ों को बिना अनुमति के तहस-नहस कर डाला है। हरे देवदार के विशालकाय पेड़ों के हवा से गिरने पर भी संदेह जताया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि विभाग ने देवदार के जिन मोछो को आरा मशीन पर स्लीपर निकालने के लिए उतारा गया है उस पर भी सवाल खड़े होते हैं। आरा मशीन 14 इंच तक की लकड़ी का चरान कर सकती है। जबकि लकड़ी के मोछो के घेरे का साइज पांच फीट से अधिक आंका गया है।
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उधर, वन मंडलाधिकारी नाचन तीर्थराज धीमान ने कहा है कि विभाग ने जिन लकड़ी के 46 नगों को स्टोर तक पहुंचाया है, बाकायदा चालान काटकर वाहन के माध्यम से लाया है। 17 मोछों का अधिक बजन होने के कारण स्टोर तक ना पहुंचने की बजह से आरा मशीन में उतारा है, जिनका चरान करने के बाद स्टोर जमा कर दिया जाएगा। पुलिस थाना प्रभारी सूरम सिंह धीमान ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।