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हिमाचल के इन कर्मचारियों के लिए बुरी खबर, सरकार नहीं करेगी पक्का
शिमला। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत हिमाचल (Himachal) प्रदेश स्टेट हेल्थ सोसायटी में कार्यरत अनुबंध व आउटसोर्स कर्मी (Outsourced Workers) रेगुलर नहीं होंगे। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सहजल (Dr. Rajeev Sehjal) ने कांगड़ा के विधायक पवन कुमार काजल (Pawan Kumar Kajal) के सवाल के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने कहा कि इस समय लगभग 1150 कर्मचारी अनुबंध (Contract) पर एवं लगभग 1230 आउटसोर्स आधार पर कार्यरत हैं। इनकी सेवा संबंधी मामलों के समाधान के लिए पिछले महीने आठ फरवरी को एक कमेटी का गठन किया गया है। इसमें कर्मचारियों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। मिशन के तहत कार्यरत अनुबंधित कार्यरत कर्मचारियों को कई प्रकार की सुविधा दी जा रही है।
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क्या दे रही सुविधाएं
- भारत सरकार द्वारा अनुमोदित मासिक वेतन, जो कि विभाग द्वारा कुछ कार्यक्रमों में कार्यरत कर्मचारियों का वर्ष 2009 से व शेष के लिए 2013 से संशोधित किया गया।
- 10 दिनों का पूरी वेतन पर चिकित्सा अवकाश
- पांच प्रतिशत की दर से वार्षिक वेतन वृद्धि
- तीन व पांच वर्ष का सेवाकाल पूर्ण करने पर 10 प्रतिशत एवं पांच प्रतिशत की अतिरिक्त वेतन बढ़ोतरी
- ईपीएफ नियमों के तहत पात्र कर्मचारियों को ईपीएफ की सुविधा
- महिला कर्मचारियों को प्रसूति सुविधा अधिनियम 1962 के तहत अवकाश की सुविधा
28 मार्च 2016 की अधिसूचना का मामला वित्त विभाग से उठाया गया है। इसमें वित्त विभाग ने प्रस्ताव में सहमति न देने पर खेद जताया, क्योंकि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को वेतनमान आदि प्रदान करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य समितियों को अनुदान नहीं देती है, इसलिए समितियों को वित्तीय सहायता देने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है। अधिकांश सोसायटी केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है, जैसे एनएचएम आदि। राज्य सरकार के पास सोसायटी के लिए कोई फंड नहीं है।