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हिमाचल: इस दिन से मछलियों के शिकार पर लगेगा प्रतिबंध, ऐसे रखी जाएगी निगरानी
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के जलाशयों में 15 जून, 2022 से लेकर 16 अगस्त, 2022 तक मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध रहेगा। बंद सीजन को लेकर मत्स्य विभाग (Fisheries Department) ने अधिकारियों के साथ मीटिंग कर अगली कार्य योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इस दौरान शरारती तत्वों पर नजर रखने के लिए हिमाचल प्रदेश के सभी पांच बड़े जलाशयों में कुल 42 कैंप लगाए जाएंगे और फ्लाइंग स्क्वाड द्वारा भी निगरानी की जाएगी।
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गौरतलब है कि पहले हर साल पहली जून से लेकर 13 अगस्त तक मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध रहता था, लेकिन अब मौसम में आए बदलाव को ध्यान में रखते हुए पिछले साल से मत्स्य विभाग ने इस शेड्यूल में जरूरी बदलाव किया है, जिसकी सरकार से अनुमति लेकर व्यवस्था लागू की गई है। बता दें कि अब से हर साल 15 जून से लेकर 16 अगस्त तक जलाशयों में मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध रहेगा।
जानकारी के अनुसार, इसके लिए मत्स्य विभाग ने तमाम बंदोबस्त कर लिए हैं और सभी अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर आगे की सारी योजना तैयार कर ली है। योजना के तहत प्रदेश के सभी पांचों जलाशयों में 42 कैंप लगाए जाएंगे, जिसमें जिला बिलासपुर की गोबिंद सागर झील में 17 और कोल डैम में 3, जिला कांगड़ा के पोंग डैम में 17 और रणजीत सागर डैम में 2 और जिला चंबा के चमेरा डैम में 3 कैंप लगाए जाएंगे। मत्स्य निदेशालय बिलासपुर में कार्यरत निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि मछली शिकार पर दो महीने तक प्रतिबंध रहेगा, जिसके तहत 15 जून से लेकर 16 अगस्त तक का शेड्यूल लागू है। वहीं, प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में नवंबर से जनवरी तक ट्राउट मछली के शिकार पर बैन रहता है।
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